सबसे पहले सीपीआई ने इस तरह के विरोध प्रदर्शन पर अपना विरोध जताया। पार्टी का कहना था कि विरोध का यह तरीका गलत है। मुख्यमंत्री के घर को घेरने के नाम पर हम सड़क को जाम नहीं कर सकते। सड़क के जाम किए जाने से लोगों को भारी असुविधा होती है।
सीपीआई की हां में हां मिलाते हुए आरएसपी ने भी विरोध के तरीके बदलने की हिमायत की। आरएसपी के महासचिव टी जे चन्द्रचूड़न ने कहा कि हमें भी समय के साथ बदलना चाहिए और विरोध के तरीके को भी समय के साथ बदला जाना चाहिए। हमें विरोध के ऐसे तरीके का अख्तियार करना छोड़ देना चाहिए, जिससे आम लोगों को परेशानी होती हो। उनका कहना था कि विरोध का वह तरीका जिससे आम लोगों को दिक्कत होती हो, सफल नहीं हो सकता।
लेकिन सीपीएम अपने सहयोगी दलों की बात मानने के लिए तैयार नहीं है। वह मुख्यमंत्री के खिलाफ एक खास विरोध प्रदर्शन आयोजित करने पर आमादा है। इसमें सीपीएम की महिला कार्यकत्र्ता मोर्चे पर होंगी और मुख्यमंत्री का घेराव किया जाएगा। समझा जा रहा है कि सीपीएम के प्रदेश सचिव पी विजयन खुद विशेष विरोध का उद्घाटन करेंगे।
सीपीआई और आरएसपी की बातों मंे दम है। मुख्यमंत्री के घर की घेरेबंदी का असर अब पहले जैसा नहीं होता। इसमें अब लोगों की सहभागिता भी कमती जा रही है। यानी इस तरह के घेरेबंदी में शामिल होने वाले लोगों की संख्या घटती जा रही है। लोग एलडीएफ से नाराज हो जाते हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री केा घेरने के नाम पर उनको असुविधा पहुंचाई जाती है।
गौरतलब है कि सीपीएम ने मुख्यमंत्री के घर का 140 दिनों तक घेराव करने का फैसला किया है। वे मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उनकी एक अन्य मांग एक सिटिंग जज से सोलर घोटाले की जांच करवाने की है। इस घोटाले में मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय संदेह के घेरे में है। लेकिन मुख्यमंत्री ने ये दोनों मांग मानने से इनकार कर दिया है।
एक औरत ने इस तरह के प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर अपना गुस्सा उतारा था। संध्या नाम की यह महिला अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर वापस लौटी तो देखा कि प्रदर्शनकारियों ने उसके घर के प्रवेश को भी जाम कर रखा है। फिर तो वह उनके ऊपर चीखने लगी। उसका कहना था कि प्रदर्शनकारियों ने लोगों की जिंदगी को मुश्किल में डाल रखा है।
संध्या के विरोध से प्रदर्शनकारी स्तब्ध रह गए। उन्हें समझ में नहीं आया कि वे क्या बोलें। महिला कह रही थी कि वे लोग गलत काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के विरोध के नाम पर वे अव्यवस्था फैला रहे हैं, जिसका शिकार आम आदमी हो रहा है।
यही कारण है कि सीपीआई और आरएसपी द्वारा जाहिर किए जा रहे मतभेद में दम है। उनका कहना है कि विरोध का ऐसा तरीका अपनाया जाय, जिससे आम लोगों को तकलीफ न हो।
पर उस समस्या के लिए सीपीएम नेता पुलिस को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। उनका कहना था कि पुलिस ने उस महिला के घर के सामने बैरिकेडिंग कर रखी थी, जिसके कारण उसे अपने घर के अंदर पहुंचने में दिक्कत हो रही थी।(संवाद)
मुख्यमंत्री चांडी के घर की घेरेबंदी पर मतभेद
क्रुद्ध आम औरत ने पार्टियों को सबक सिखाई
पी श्रीकुमारन - 2013-12-21 13:30
मुख्यमंत्री ओमन चांडी के घर की घेरेबंदी को लेकर विपक्षी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के घटकों में मतभेद पैदा हो गये हैं। सीपीआई और आरएसपी के नेताओं को इस तरह के आंदोलन से परहेज है।