भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष को बदले जाने की संभावना है। रमापति त्रिपाठी पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष हैं। उनके कार्यकाल में पार्टी का लगातार पतन हुआ है। लोकसभा के चुनाव में पार्टी को मात्र 10 सीटें ही हासिल हो सकी और विधानसभा के उपचुनावों में भी पार्टी लगातार हारती रही है। विधानसभा उपचुनाव में तो कहीं कहीं उसे 2 से 3 हजार के बीच ही मत मिले।
श्री रमापति त्रिपाठी को जब पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, उस समय पार्टी के अंदर भी सभी लोग नहीं जानते थे। इसके बावजूद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें चुना तो उसका कारण यही था कि वे किसी अपने खास आदमी को प्रदेश के अध्यक्ष पद पर रखना चाहते थे, ताकि प्रदेश की राजनीति पर उनका पूरा नियंत्रण बना रहे।
अब जब राजनाथ सिंह ही पार्टी के अध्यक्ष नहीं रहे तो रमापति त्रिपाठी का हटाया जाना तय माना जा रहा है। भाजपा की हालत आज उत्तर प्रदेश में इतनी खराब है कि वह विपक्षी पार्टी के रूप में अपनी पहचान बनाने में भी वह विफल रही है। वह किसी मसले पर पिछले कुछ समय से कोई आंदोलन तक खड़ा नहीं कर पाई है।
पार्टी के अंदर कुछ लोगों की नजर कल्याण सिंह पर भी लगी हुई है। मुलायम सिंह यादव द्वारा नकारे जाने के बाद कल्याण सिंह ने भाजपा में शामिल होने की अपनी इक्ष्छा का संकेत दिया था, लेकिन पार्टी ने उसपर अपना कोई सकारात्मक रवैया नहीं दिखाया था। उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह को पार्टी में लेने के मसले पर नेतागण बटे हुए हैं। कुछ नेता उन्हें पार्टी के अंदर लेना चाहते हैं, तो कुछ लोगों का कहना है कि कल्याण सिंह पर अब विश्वास नहीं किया जा सकता।
भाजपा की आज की सबसे बड़ी समस्या उसके आधार का कांग्रेस की ओर पलायन है। उसका आधार बहुत हद तक कांग्रेस की ओर खिसक गया है और जो कुछ बचा है उसके भी कांग्रेस की ओर चले जाने का खतरा है।
राजनाथ सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उत्तर प्रदेश में पार्टी को आगे बढ़ा नहीं सके। उलटा, उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में पार्टी कमजोर होती गई। अब पार्टी की हैसियत राज्य की चैथी पार्टी की हो गई है। इस माहौल में राजनाथ सिंह ने पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरे राज्य में दौरा करने का निर्णय किया है। उनका वह दौरा पार्टी को कितना मजबूत करेगी, इसके बारे मे अनुमान लगाना कठिन नहीं है। (संवाद)
भारत: राजनीति
गडकरी का नेतृत्व और उत्तर प्रदेश
राजनाथ प्रदेश की यात्रा करेंगे
प्रदीप कपूर - 2010-01-05 11:03
लखनऊः राजनाथ सिंह के अध्यक्ष पद से हटने के बाद भाजपा अब नये सिरे से उत्तर प्रदेश में अपने खोए जनाधार को पाने के प्रयास में लग गई है। भाजपा के नेताओं और कार्यकत्ताओं का हौसला इतना कमजोर पड़ा हुआ है कि इसके खोए जनाधार को वापस लाना लगभग असंभव काम है।