पिछले दिनों मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ के पार्टी मुख्यालय में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सरकार के मंत्रियों के साथ एक बैठक की। उस बैठक को खास महत्व दिया जा रहा है।

समाजवादी पार्टी में आंतरिक गुटबाजी जोरों पर है। मुलायम सिंह यादव इससे अवगत हैं। उन्होंने मंत्रियों की उस बैठक में उन्हें बताया कि वे अपने अपने इलाकों मंे गुटबाजी से बाज आए। उन्होंने कहा कि वे अपने सारे मतभेद भूलकर सभी स्थानीय नेताओं और उम्मीदवारों के साथ मिलकर काम करें।

उन्होंने उस बैठक में स्पष्ट कर दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव उनके और समाजवादी पार्टी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि पार्टी चुनाव के बाद किंगमेकर की भूमिका में आना चाहती है और केन्द्र की सत्ता पर कब्जा करना चाहती है, तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश से उनकी पार्टी को कम से कम 60 सीटों पी जीत हासिल करनी ही होगी।

उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे यह समझें कि वह (मुलायम) प्रदेश की सभी सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा सोचते हुए वे सभी उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश करें।

उन्होंने अपनी पार्टी के मंत्रियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके इलाके का उम्मीदवार चुनाव हारता है, तो यह समझा जाएगा कि वहां की जनता उनसे नाराज है। और तब चुनाव के बाद उनको मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है और उनके क्षेत्र के किसी अन्य विधायक को मंत्री बनाया जाएगा।

मुलायम सिंह यादव ने अपनी पार्टी के मंत्रियों को बताया कि वे लोकसभा क्षेत्र के हर हिस्से को छान मारें और लोगों को अखिलेश सरकार द्वारा किए जा रहे काम के बारे में सूचित करें।

मुलायम सिंह यादव ने एक 18 सदस्यीय चुनाव समिति की भी घोषणा की। उसका अध्यक्ष उन्होंने अपने मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश को ही बनाया है। अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश ईकाई के अध्यक्ष भी हैं। उस समिति के सदस्यों में शिवपाल यादव और गायत्री प्रसाद प्रजापति भी शामिल हैं।

चुनाव समिति चुनाव से संबधित सभी पहलुओं पर नजर रखेगी। वह यह भी देखेगी कि पार्टी विधायक और सरकार के मंत्री चुनाव जितवाने की दिशा में प्रयत्नशील हैं या नहीं।

चुनाव को ध्यान में रखते हुए अखिलेश यादव ने पिछले दिनों अनेक लोकप्रियतावादी कदम उठाए और समाज के अनेक तबकों को लुभाने की कोशिश की।

राज्य सरकार ने प्रदेश के 40 लाख परिवारों के लिए समाजवादी पेंशन स्कीम की घोषणा की। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 10 में से 1 व्यक्ति को इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वैसे परिवार को 500 रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे और यह राशि प्रत्येक साल 50 रुपये प्रति मास बढ़ा दी जाएगी।

सरकार ने एक लाख 70 हजार शिक्षा मित्रों की सेवा को नियमित करके उन्हें नियमित शिक्षक बनाने की घोषणा भी की है। इन शिक्षा मित्रों को सही प्रशिक्षण दिया जाएगा।

ओबीसी को लुभाने के लिए सरकार ने क्रीमी लेयर प्रावधान को कमजोर किया है। आय की सीमा अब 5 लाख 5 लाख से बढ़ाकर 8 लाख कर दी गई है।

मुस्लिम हितों का ख्याल रखते हुए अखिलेश यादव ने मदरसा शिक्षकों को खुश करने के लिए भी कई घोषणाएं कीं। उनके दिया जाने वाले मानदेय बढ़ा दिया गया है।

पिछले दिनों मदरसा शिक्षकों का राज्य स्तरीय सम्मेलन हुआ। उसमें अखिलेश यादव ने घोषणा की कि कुशलता विकास के फायदो सभी लोगांे तक पहुंचाए जाएंगे।

आजम खान ने कहा कि उनकी पार्टी संसद के अगले सत्र में मुसलमानों के आरक्षण के मामले को उठाएगी।(संवाद)