उस रोज हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सिकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, हरदोई, फर्रूखाबाद, इटावा, कनौज और अकबरपुर लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होने हैं।

मुलायम सिंह यादव खुद मैनपुरी से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी पुत्रबधु अखिलेश की पत्नी डिंपल कनौज से चुनाव लड़ रही है। मुलायम के भतीजे और रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय फिरोजाबाद से चुनाव मैदान में हैं। अन्य 10 सीटें उन जिलों में हैं, जिन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है।

यह मतदान का यह दौर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए भी काफी मायने रखता है। उनके पुत्र राजबीर सिंह एटा से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में कल्याण सिंह इसी सीट से जीतकर संसद में गए थे। पर तब उन्हें मुलायम सिंह यादव का समर्थन प्राप्त था। इस बार उनके पुत्र भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं।

कल्याण सिंह को लोध जाति के लोगों का एकक्षत्र नेता माना जाता है। इस जाति के लोगों की अच्छी खासी आबादी आगरा, मथुरा, हाथरस और फिरोजाबाद में है।

राजबीर सिंह अपने क्षेत्र के गांव गांव में जाकर अपने पिता और नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं।

गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी ओबीसी कार्ड खेल रहे हैं और उत्तर प्रदेश में टिकट वितरण के लिए वे कल्याण सिंह पर बहुत हद तक निर्भर थे।

फर्रूखाबाद लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है। सलमान खुर्शीद और उनके पिता खुर्शीद आलम खान इस लोकसभा क्षेत्र का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। फिलहाल सलमान खुर्शीद इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस बार वे कल्याण सिंह के नजदीकी भाजपा उम्मीदवार मुकेश राजपूत के साथ कड़े मुकाबले का सामना कर रहे हैं।

फिरोजाबाद सीट कांग्रेस के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। इसका कारण यह है कि यहां के निवर्तमान सांसद राज बब्बर हैं, जिन्होंने एक उपचुनाव में मुलायम की पुत्रबधु डिंपल यादव को पराजित किया था। उस समय वह सीट अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई थी। गौरतलब है कि 2009 में अखिलेश ने दो सीटों पर विजय पाई थी और उनमे फिरोजाबाद एक थी। उसी चुनाव में राज बब्बर फतेहपुर सिकरी से पराजित हो गए थे।

मतदान का यह दौरा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजित सिंह के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। दल के अनेक नेता इस दौर में मतदाताओ का सामना कर हे हैं। मथुरा से अजित सिंह के बेटे जयंत चैधरी चुनाव लड़ रहे हैं। अमर सिंह उनके दल के टिकट पर ही फतेहपुर सिकरी से चुनाव मैदान में हैं। जयंत सपा और बसपा के अलावा भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी का सामना भी कर रहे हैं।

फतेहपुर सिकरी में बसपा की वर्तमान सांसद आरामदायक स्थिति में दिखाई पड़ रही हैं। इसका कारण यह है कि अमर सिंह उन्हें टक्कर देते नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। जया प्रदा उनके लिए जमीन आसमान एक कर रही हैं। इसके बावजूद उनका चुनाव प्रचार रंग नहीं पकड़ पाया है।

ओबीसी जातियों के अलावा ब्राह्मणों की भारी उपस्थिति चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगी। (संवाद)