पर अब भारतीय जनता पार्टी एकाएक इसको बड़ा चुनावी मुद्दा बना रही है और उसने ’’दामादश्री’’ नाम की एक सीडी भी तैयार कर ली है, जिसे भारी पैमाने पर लोगों में बांटा जा रहा है। आखिर वाड्रा की संपत्ति के खिलाफ आवाज उठाने में इतना विलंब क्यों और यह आधा मतदान समाप्त हो जाने के बाद ही क्यों?

इसका एक कारण तो यह बताया जा रहा है कि दिल्ली में स्थित भाजपा नेताओं के भी वाड्रा से अच्छे संबंध बने हुए हैं, इसलिए वे उन्हें परेशान नहीं करना चाहते। इससे भी बड़ा कारण यह बताया जा रहा है कि कांग्रेस भाजपा नेताओं को धमका रही थी कि यदि उसने उसकी नेता के दामाद के बारे में शोर मचाया, तो वे उसके (भाजपा नेता के) के दामाद के बारे में शोर मचा देंगे। गौरतलब है कि भाजपा के शीर्ष नेता अटलबिहारी वाजपेयी के दामाद अभिजित भट्टाचार्य के भ्रष्टाचार को लेकर भी एनडीए सरकार के दौरान बहुत चर्चा रहा करती थी। कहते हैं कि कांग्रेस के पास ऐसे दस्तावेजी सबूत हैं, जिनसे वाजपेयी के दामाद की भ्रष्टाचार मे संलिप्तता साबित होती है। वाजपेयी के दामाद का पर्दाफाश करने का डर भाजपा को सोनिया के दामाद का पर्दाफाश करने की इजाजत नहीं दे रहा था।

पर अब जब प्रियंका गांधी नरेन्द्र मोदी पर सीधे हमले कर रही हैं, तो उनके हमले को कुंद करने के लिए उनके पति राॅबर्ट के मसले को भाजपा जोरशोर से उठा रही है। हालांकि इसमें वाजपेयी के दामाद के बारे में कांग्रेस नेताओं द्वारा हल्ला मचाए जाने का डर है, लेकिन यह चुनाव भाजपा वाजपेयी के नाम पर नहीं, बल्कि मोदी के नाम पर लड़ रही है और इसलिए यदि भाजपाई दामाद अभिजित भट्टाचार्य पर कांग्रेस द्वारा हमला भी किया जाता है, तो इससे ज्यादा से ज्यादा अटलजी की छवि खराब होगी, पर भाजपा को वोटों का नुकसान नहीं होगा। अटल पर हमले का भाजपा को लाभ भी हो सकता है, क्योंकि अटल के प्रशंसक और समर्थक भाजपा से बाहर भी हैं और वे अटलजी से सहानुभूति रखते हुए भाजपा को भी मतदान कर सकते हैं।

अपने पति पर लगे आरोपों का प्रियंका के पास कोई जवाब नहीं है। वे सवाल को टाल रही हैं और सिर्फ यही कह रही हैं कि पति पर लगाए जा रहे आरोपों से उन्हें दुख हो रहा है। वे उन आरोपों को गलत भी नहीं बता रही हैं। बस इतना ही कह रही हैं कि उनके पति को बदनाम किया जा रहा है। वे आरोपों पर अपने पति का बचाव करना तो दूर, उस पर किसी तरह की सफाई भी नहीं दे पा रही हैं। जाहिर हैं, इसके कारण उनके प्रचार से कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली के बाहर नुकसान भी हो सकता है, क्यांेकि वे अपने भाई और अपनी मां के प्रचार में जो कुछ बोल रही हैं, उस पर पूरे देश की नजर है। अमेठी और रायबरेली में तो उनकी उपस्थिति मात्र से ही कांग्रेस के उम्मीदवारों को लाभ होता दिखाई दे रहा है, हालांकि वहां के लोग भी प्रियंका द्वारा प्रभावी ढंग से अपने पति पर लगे आरोपों का जवाब नहीं देने के कारण मायूस हैं। कांग्रेस के कार्यकत्र्ता वहां यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि प्रियंका तो मंच से एकतरफा बोल देती हैं, लेकिन वाड्रा पर लगे आरोपों के बारे में लोग उनसे पूछते हैं, जिनका उनके पास जवाब नहीं है। (संवाद)