सूत्रों के अनुसार ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका इस प्रस्ताव के पक्ष में है, लेकिन रूस और चीन का इस पर सहमत होना अभी बाकी है। भारत अर्जेंटीना के साथ अपना संबंध अच्छा करना चाहता है और उसे लगता है कि यदि ब्रिक्स में अर्जेंटीना शामिल हो गया, तो यह संगठन और भी प्रभावशाली तरीके से काम कर सकेगा। बहुत संभावना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बनी नई सरकार के प्रधानमंत्री ब्राजील शिखर सम्मेलन में शामिल होने जाएंगे।

भारतीय सूत्रों के अनुसार अर्जेंटीना के साथ 2013 में भारत का व्यापार 30 फीसदी बढ़ गया। यह 2012 में 1 अरब 84 करोड़ अमेरिकी डाॅलर के बराबर था। व्यापार संतुलन इस समय अर्जेंटीना के पक्ष में है। इसका कारण यह है कि हम वहां से भारी पैमाने पर सोयाबीन आयातित करते हैं। जब चीन ने वहां से सोयाबीन तेल का आयात कम कर दिया, तो भारत ने वहां से यह आयात बढ़ा दिया। भारत इस समय अर्जेंटीना में रासायन पदार्थों और गाड़ियों के पार्ट पुर्जों का निर्यात करता है।

पिछली बार 1995 में भारत को कोई प्रधानमंत्री अर्जेंटीना गया था। उस समय भारत के प्रधानमंत्री नरसिंह राव थे। अर्जेंटीना की राष्ट्रपति क्रिस्टिना फर्नांडीस 2009 में भारत आई थीं। उसके बाद दोनों देशों के व्यापार में भारी वृद्धि हुई।

ब्रिक्स के ब्राजील शिखर सम्मेलन में भारत सदस्य देशों के साथ आर्थिक सहयोग बढ़ाने से संबंधित मसलों पर विशेष ध्यान देगा। इसका मुख्य विषय होगा कि उभर रही अर्थव्यवस्थाओं के पक्ष में करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था को किस तरह से दुरुस्त किया जाय। यूक्राइन की घटनाओं ने रूस को विश्व मुद्रा कोष और विश्व बैंक का विकल्प ढूंढ़ने के लिए विवश कर दिया है। चीन भी कुछ ऐसा ही चाहता है।

लेकिन भारत इस रास्ते पर बहुत ही संभल कर कदम उठा रहा है। भारत हड़बड़ी में कोई कदम नहीं उठाना चाहता है। डरबन में हुए पिछले शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स विका बैंक के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस व्यवस्था को बनाते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि यह फुलप्रूफ हो। भारत के अधिकारी स्थितियों का आकलन कर रहे हैं और वे अंतिम निर्णय नई सरकार के गठन के बाद ही लेंगे।

संभावना व्यक्त की जा रही है कि यूपीए सरकार चुनाव के बाद नहीं रहेगी। नई सरकार का इन पर पर क्या रवैया होता है, उसे देखकर ही भारतीय अधिकारी अपनी अंतिम रणनीति तैयार करेंगे। जब तक राजनैतिक स्तर से उन्हें संकेत नहीं मिलते, तब तक उनकी नगर विकसित हो रही परिस्थितियों पर टिकी हुई है। (संवाद)