लेकिन पता चला है कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अरुण यादव ने कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों से बातचीत का एक दौर पूरा कर लिया है। 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश से 12 सीटंे प्राप्त हुई थीं, पर इस बार उसे मात्र दो पर ही संतोष करना पड़ा है। और इन दो सीटों पर जीत के लिए श्रेय कांग्रेस को देना गलत होगा। एक सीट पर तो ग्वालियर के पूर्व राजघराने के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परिवार के कारण जीते हैं। दूसरी सीट पर कमलनाथ भी अपने ही बलबूते जीते हैं।

यदि पिछले विधानसभा चुनाव से इस लोकसभा चुनाव की तुलना करें, तो देखते हैं कि कांग्रेस की हार उससे भी बुरी हुई है। उस चुनाव में कांग्रेस 58 विधानसभा क्षेत्रों में जीती थी। लेकिन इस लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को मिले मत बताते हैं कि इसे मात्र 35 विधानसभा क्षेत्रों में ही अपने निकटतम उम्मीदवारों से बढ़त हासिल हो सकी।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के तीन या चार दिनों के बाद ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और विधानसभा में विपक्ष के नेता सत्यदेव कटारे ने सबको यह कहकर चैका दिया कांग्रेस की हार के पीछे केन्द्र सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा था। यह पूछे जाने पर कि केन्द्र की यूपीए सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा क्यों था, तो उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार और महंगाई के कारण लोग उससे नाराज थे। कटारे ने तो यहां तक कह डाला कि विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की हार के पीछे लोगों का केन्द्र सरकार के खिलाफ गुस्सा था।

कटारे ने कहा कि कांग्रेस का पतन उस समय शुरू हो गया था, जब भ्रष्टाचार के मामले पर अन्ना का आंदोलन चल रहा था। कांग्रेस उस आंदोलन के असर का आकलन करने मे ंविफल रही और उसने सबकुछ गड़बड़ कर डाला। उसके बाद तो केन्द्र सरकार बाद के सभी मसलों पर गलत निर्णय लेती रही। सरकार चला रहे लोगों ने रामदेव के आंदोलन के साथ गलत किया। भ्रष्टाचार के मसलों पर सही निर्णय नहीं लिए और बढ़ती महंगाई पर गैरजिम्मेदार बयान देते रहे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में हुआ भ्रष्टाचार बहुत बड़ा था और उससे देश की विदेशों तक में बेइज्जती हुई थी, लेकिन उसमें शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। 2जी घोटाला और कोयला घोटाला भी कांग्रेस के लिए बहुत घातक हुआ। उन्होनें कहा कि उन सबके कारण ही कांग्रेस विधानसभा चुनाव मंे भी हारी थी। यादव और कटारे ने प्रदेश में हुई हार की जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया और सारा दोष केन्द्र सरकार की विफलता पर डाल दिया।

लेकिन प्रदेश में कांग्रेस के कुछ ऐसा नेता भी हैं, जो सिर्फ केन्द्र सरकार की विफलता को हार का कारण मानने को तैयार नहीं हैं। उनमें से एक हैं गोविंद सिंह। वे विधायक हैं और लोकसभा का चुनाव भी लड़ रहे थे। उन्होंने अपनी हार के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदार बताया। इसके लिए उनके खिलाफ नोटिस भी जारी कर दिया गया है। (संवाद)