डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि ये घाटियां सौर विज्ञान, इंजीनियरी और अनुसंधान तथा निर्माण के केन्द्र बन जाएंगे । साथ ही भारतीय उद्योग को चाहिए कि वे सौर मिशन को व्यापार के बड़े अवसरों के रूप में लें । इस अवसर पर नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा सौर ऊर्जा बैठक 2010 का भी आयोजन किया गया है । इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोनटेक सिंह अहलूवालिया और पर्यावरण तथा वन मंत्री श्री जयराम रमेश भी उपस्थित थे।
प्रधान मंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा का अधिकाधिक प्रयोग हमारी नीति का प्रमुख अंग है, जिसके अंतर्गत जीवाश्म र्इंधनों पर हमारी वर्तमान निर्भरता को अक्षय और स्वच्छ रुाोतों पर आधारित टिकाऊ विकास की पद्धति पर लाना है । उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सौर मिशन भारत को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में विश्व नेता के रूप में भी स्थापित करेगा ।
बैठक के उद्घाटन सत्र को नवीन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री दीपक गुप्ता और फिक्की के अध्यक्ष श्री हर्षपति सिंघानिया ने भी सम्बोधित किया । बैठक में केन्द्र और राज्य सरकारों के नीति निर्धारकों के अलावा पूंजी निवेशकों, विकासकर्ताओं, शिक्षा, अनुसंधान और उपयोग क्षेत्रों, निर्माता और व्यापार समूहों, वित्तीय संस्थाओं आदि के 900 से अधिक सदस्यों ने भी भाग लिया । अमरीका, इंग्लैंड, कनाडा, रूस, फ्रांस, जापान, सिंगापुर, दुबई, चीन, संयुक्त अरब अमीरात और कीनिया आदि की विदेशी कम्पनियों और लगभग 100 प्रवासी भारतीयों ने भी बैठक में भाग लिया । #
भारत में सौर घाटियां तैयार करने के लिए उद्योगों से आह्वान
विशेष संवाददाता - 2010-01-11 16:35
नई दिल्ली: प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन को आरभं किया । उन्होंने उद्योग क्षेत्र का आह्वान किया कि देश में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को प्रौत्साहित करने वाली सिलिकन वैलियों की तर्ज पर सौर घाटियां तैयार की जाएं ।