श्री सीताराम येचूरी ने अपनी प्रेस वार्ता में इसे नरेन्द्र मोदी और अरूण जेटली के हसीन स्वप्न जनता को दिखाने भर का बजट कहा। इसके उन्होंने कुछ भी नया नहीं पाया जो कि पिछले यूपीए के 10 वर्षो का अन्तिम आम जनता को लुभावने वाला बजट ही माना है। उन्होने ये कहा कि जिन कोपरेटिव हाउसों ने मोदी के अभियान में खुलकर फण्डिंग की थी उन्हें पुरूस्कार के रूप में लाभावन्ति किया गया है। इस बार किसान और गांवों की हालत को सुधारने और श्री अटलबिहारी वाजपेयी का गांवों को शहरों को सड़कों के माध्यम से जोड़ने का जो स्वप्न संजोया था उसे मोदी सरकार पूरा करने का दावा कर रही है। सीपीएम के प्रवक्ता मोहम्मद सलीम ने भी मदरसों की शिक्षा पद्धति में सुघार के लिए जो राशि मुहैया कराई गई वह केवल मदरसों की वर्तमान स्थिति तक ही सीमित हैै ना कि उसकी उन्नति और वहां नई तकनीकी यानि कि कम्प्यूटर एवं अन्य उच्च तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त नहीं है।
श्रीमति इन्दिरा गांधी सरकार द्वारा शुरू किया गया। किसानों को लाभ पहुंचाने का तथा आर्थिक मदद करने की पेशकश करने वाला किसान विकास पत्र का पुनः शुरू करने का भी प्रयास किया जाएगा। नौकरी पेशा लोगों के लिए आयकर में 2-50 लाख तक की छूट का प्रावधान रखा गया है। सरकार फिसिक्ल डेफेसिट 4.1 तक ले जाने की सरकार की मंशा है। ओ़.बी.सी., गरीबी और अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति को सबसिडी देने के लिए सरकार कटिबद्ध है। सौ करोड़ प्रधानमंत्री कृषि संचय योजना में खर्च करने का सरकार ने इस बजट में प्रावधान रखा है। कुषि की फसल यदि बाढ़ तथा सूखे से जूझने के लिए सरकार द्वारा 500 करोड़ का प्रावधान 2014-15 के वित्तीय बजट में रखा गया है।
शिक्षा के क्षेत्र में पूरे भारत कें स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा सुविघा देने के लिए महाराष्ट्र, पूर्वांचल पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश 5 आई आई एम एस के शिक्षा संस्थान खोलने का हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार, ओडिशा तथा राजस्थान को चुना गया है। कश्मीरी पण्डितों को पुनः राज्य में पुर्नवास के लिए सरकार ने इस बजट में 500 करोड़ का प्रावधान रखा है ताकि वे वहां जाकर अपना रोजगार शुरू कर सके और अमन चैन से रह सकें। उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए सरकार क्या कर ही है उसके लिए केन्द्र सरकार राज्य सरकार के साथ समझौता वार्ता कर रही है ताकि कश्मीरी पण्डित अपने आपको सुरक्षित समझ सकें।
भारत के संविधन के अनुच्छेद 202 के अनुसार केन्द्र सरकार भारत की संचित निधि की प्रतिभूति के आधर पर लिए गए उधारों की अदायनी की गारंटी देती है। केन्द्र सरकार मुख्य रूप् से उन परियोजनाओं और ्िरयाकलापों की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए प्रत्याभूति देती है जो महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक लाभों के साथ सरकारी निकायों द्वारा पूरा किए जाते हैं और इसका उदृदेश्य उधारी पर आने वाले खर्च ो कम करना है तथा उन मामलों की आवश्यकताओ को पूरा करना होता है। सरकार इसको इसलिए जाहिर कर रही है कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के निर्णय के अनुसार ऐसा करना वैधानिक रूपं से आवष्यक है।
अंतरिम बजट 2014-15 पांच प्रतिशत से कम विकास दर की पृष्ठभूमि के विपरीत प्रस्तुत किया गया था। प्रचलित आर्थिक परिस्थितियां वृृहद आर्थिक रूपरेखा विवरण में दी गई थी और राजकोषीय नीति कार्ययोजना विवरण अंतरिम बजट के साथ प्रस्तुत किया गया है।
इस बजट के पीछे की कहानियों में यदि दम है तो मोदी सरकार ने अपनी तरफ से कोई मुशक्कत नहीं की लगती है। पी0चिदम्बरम और डा़ मनमोहन सिंह से मोदी और जेटली की बजट के संबंध में मुलाकातों को सही माना जाए तो इस बजट में कांग्रेसनित सरकार की वित्तीय निर्देशों के अनुसार ही यह बजट बना है। सरकार ने जिस बजट को आम जनता के सामने लाई है उसमें डा0 मनमोहन सिंह सरकार की नीतियां स्पष्ट रूप से झलक नहीं है। गरीबों और आम जनता के बीच जाने से पहले कांग्रेसनित सरकार ने भी वही किया जो आम चुनाव जीतने के पश्चात मोदी सरकार ने आम जनता को लुभाने के लिए सुहाने सपनों में ले जाने की कोशिश में लगी है। - कलानेत्र परिक्रमा
भारत
भाजपा ने पेश किया हसीन सपनों का बजट
विजय कुमार मधु - 2014-07-11 11:22
भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के मुख्यिा नरेन्द्र मोदी और उनके मुख्य सलाहकार अरूण जेटली ने आने वाले 'अच्छे दिनों' जिसका आश्वासन उन्होंने भारत की जनता को अपने चुनाव अभियान के दिनों में दिया था, उसके मद्देनजर 2014-15 का बजट हसीन सपनों के बजट के रूप में पेश किया है तथा आम बजट में अच्छे दिन आने का दावा किया है।