संयुक्त राष्ट्र के पंचाट में बांग्लादेश को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। पंचाट ने फैसला किया है कि बंगाल की खाड़ी में जिस 25602 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा था, उसमें 19467 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर बांग्लादेश का अधिकार होगा। यानी कि विवादित क्षेत्र को तीन चैथई हिस्सा बांग्लादेश को मिल गया है, पर उसके बावजूद वहां के अनेक लोग इस फैसले पर खुश नहीं हैं। इसका कारण यह है कि न्यू मूरे टापू, जिसे बांग्लादेश में ताटपट्टी कहा जाता है, भारत के हिस्से में आ गया है।

भारत ने उस फैसले को स्वीकार कर लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरूछदीन ने उसे स्वीकार करने की घोषणा करने के साथ ही कहा है कि अब वे भारत और बांग्लादेश के बीच बेहतर रिश्ते की उम्मीद करते हैं। इसके पहले बांग्लादेश भारत और म्यान्मार द्वारा इस विवादित क्षेत्र में तेल खोज के प्रयासों का विरोध करता रहता था।

तालपट्टी के हाथ से निकल जाने का गम बांग्लादेश को जरूर है। यह टापू 1980 और 1980 के दशक में निर्मित हुआ था। इस नुकसान के लिए सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। जब यह टापू जमीन के ही अंदर था, तभी दोनों देशों ने उस पर अपना अपना कब्जा दिखाना शुरू कर दिया था और अपने अपने बेस भी तैयार करने शुरू कर दिए थे।

विशेषज्ञों का कहना है कि सुंदरवन के दक्षिण समुद्र मे इस तरह के बनते रहते हैं और समुद्र में डूबते रहते हैं। इसका कारण नदियों द्वारा अपने साथ लाया गया बालू जिम्मेदार है। अब तक अनेक ऐसे टापू बने हैं और बनकर फिर पानी में समा गए हैं। ताल पट्टी का भी यही हश्र हो सकता है, क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का जल स्तर उठता जा रहा है और अपने साथ अनेक टापुओं को डुबोता जा रहा है।

बांग्लादेश नेशनल पार्टी का आरोप है कि ढाका सरकार ने अपने दावे के समर्थन में पूरे सबूत पंचाट को नहीं सौंपे। उसे तालपट्टी पर ज्यादा से ज्यादा सबूत पेश करना चाहिए था, लेकिन उसने वैसा नहीं किया। इस मसले पर अवामी लीग विफल रही।

दूसरी तरफ अवामी लीग इसके लिए बीएनपी पर ही आरोप लगा रही है। उसका कहना है कि जब देश में बीएनपी की सरकार थी, तो तालपट्टी पर दावा ठोकने में विफल रही थी। उसने उस टापू को बांग्लादेश का टापू माना ही नहीं था। उसका कहना है कि अतीत में बीएनपी सरकार द्वारा की गई भूल के कारण वह टापू बांग्लादेश के हाथ से बाहर निकल गया।

बांग्लादेश दुनिया का सबसे घना देश है। यानी यहां जनसंख्या का घनत्व किसी भी अन्य देश से ज्यादा है। इस सूरत में इसे और भी क्षेत्र की बहुत आवश्यकता है, भले ही वह क्षेत्र टापू के रूप में हो या समुद्र के रूप में।

भारत ने पंचाट के फैसले को स्वीकार कर लिया है। इसके कारण दोनों देशों के बीच सद्भावना का माहौल बना है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो सकते हैं। (संवाद)