अमित शाह ने अध्यक्ष बनने के बाद उत्तर प्रदेश का पहली बार दौरा किया। उस दौरे को पार्टी ने खास महत्व दिया।

उस दौरे के दौरान अमित शाह ने पार्टी के सांसदों, विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों को संबोधित किया। खास कर उन प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को उस बैठक में खासतौर से बुलाया गया था, जहां उपचुनाव होने वाले हैं।

उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खासतौर से उत्तर प्रदेश की गतिविधियों को मोनिटर कर रहे हैं और पार्टी को सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में विजय हासिल करनी है।

गौरतलब है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने यह स्पष्ट कर दिया कि सांसदों और विधायकों के नजदीकी रिश्तेदारों को पार्टी का टिकट नहीं दिया जाएगा। सभी को पता है कि पूर्व सांसद लालजी टंडन, केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र, केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह जैसे कई नेता अपने बेटों और अन्य नजदीकी रिश्तेदारों को टिकट दिलवाना चाहते हैं।

अमित शाह ने सांसदों और विधायकों को कहा कि मुख्यालय पर उनसे मिल रहे उनके क्षेत्रों के लोग उन्हें बता रहे हैं कि वे उनके कामकाज से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सभी सांसदों को कहा कि वे अपने अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क कार्यालय स्थापित करें और क्षेत्र के लोगों से मिलते रहले के लिए समय निर्धारित करें।

उन्होंने पार्टी नेताओं को खासतौर से कहा कि जिन सीटों पर पार्टी ने 2012 के आम चुनावों में जीत हासिल की थी, उन पर दोबारा जीत सुनिश्चित की जानी चाहिए।

गौरतलब है कि विधानासभा की जिन 12 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें 11 पर भाजपा के ही विधायक थे। वे लोकसभा चुनाव जीतकर विधानसभा सीटों को खाली कर चुके हैं। 12वीं सीट भी भाजपा समर्थक अपना दल की अनुप्रिया पटेल द्वारा खाली की गई है। लोकसभा की सीट मुलायम सिंह ने खाली की है। दो लोकसभा सीटों पर जीतने के बाद उन्होंने मैनपुरी की सीट से इस्तीफा दे दिया था।

अमित शाह इस तथ्य से अवगत हैं कि यदि सभी सीटों पर जीत हासिल नहीं की गई तो कहा जाएगा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की लोकप्रियता घट रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सहयोगी अपना दल के साथ प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 73 पर जीत हासिल की थी।

भाजपा का नेतृत्व नहीं चाहता है कि उत्तर प्रदेश में भी उत्तराखंड जैसी स्थिति पैदा हो जाय। वहां की सभी तीनों सीटें, जिनपर उपचुनाव हुए कांग्रेस के खाते में चली गई थीं।

मुलायम सिंह यादव के प्रचार का सामना करने के लिए अमित शाह ने अपने कार्यकत्र्ताओं को सलाह दी है कि वे उन क्षेत्रों मे फैल जाएं, जहां उपचुनाव होने वाले हैं और मोदी सरकार की उपलब्धियों से जनता को अवगत कराएं।

भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, जबकि उसके सहयोगी अपना दल ने प्रदेश पार्टी के अध्यक्ष कृष्णा पटेल को रोहनिया विधानसभा क्षेत्र का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। (संवाद)