पिछले लोकसभा चुनाव और कुछ राज्यों की विधानसभा चुनावों के नतीजों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने महसूस किया है। 2017 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का सामना उन्हें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी से करना है और वे ऐसा अपने विकास के एजेंडे से ही कर सकते हैं।

उन्हें यह महसूस हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी को किसी और एजेंडे से पराजित करना बहुत ही कठिन है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी सभी चुनावों में विकास को ही अपना प्रमुख एजेंडा बनाती है। जाति का मुद्दा पहले की तरह क्लिक नहीं करेगा, इसे भी अखिलेश महसूस कर रहे हैं। यही कारण है कि वे प्रदेश के अपने विकास के प्रयासों को तेज करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस समय अखिलेश यादव देश और विदेशों के बड़े व्यापारिक घरानों से बात कर रहे हैं, ताकि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित किया जा सके। लखनऊ, आगरा, दिल्ली और मुंबई में कार्पोरेट सेक्टर के प्रतिनिधियों से बातें की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अनेक देशों के व्यापारिक शिष्टमंडलों से लखनऊ में मुलाकात की और उन्हें प्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने प्रदेश में एक बेहतर निवेश माहौल के लिए उन्हें आश्वस्त भी किया।

पिछले दिनों मुख्य सचिव आलोक रंजन ने घोषणा की कि अखिलेश सरकार के गठन के बाद प्रदेश को 87 अरब रुपये का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नौ बड़ी परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने की योजना पर काम कर रही है।

मुख्य सचिव ने यह भी सूचित किया कि इन निवेश प्रस्तावों के अलावा 1492 करोड़ रुपये का निवेश पहले ही हो गया है और उसके कारण 8 लाख से भी ज्यादा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसरों का स्जन हो चुका है।

मुख्यम सचिव ने यह भी बताया कि 20 निवेशकों के साथ सरकार ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और उन सहमतियों के अनुसार 42 अरब रूपये का निवेश होने वाला है और उसके तहत 22 परियोजनाओं पर काम होने वाला है।

अमूल लखनऊ और कानपुर में मिल्क प्लांट्स लगा रहा है, जबकि बीस बीस अरब रूपये के दो लेदर पार्क हरदोई के संडिला और कानपुर के रसलपुर में लगाए जा रहे हैं। इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने आगरा और लखनऊ के बीच एक एक्सप्रेसवे के निर्माण पर काम शुरू कर दिया है। यह देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा।

लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे का राजनैतिक लाभ उठाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने मांग की है कि इसे 2017 के विधानसभा चुनाव के बहुत पहले ही तैयार कर दिया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेशी यात्राओं पर लगातार जा रहे हैं और वहां अनिवासी भारतीयों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। उन्हें ऐसा करते हुए देखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी अनिवासी भारतीयों के लिए अपनी सरकार में एक अलग से प्रकोष्ठ का गठन किया है। यह प्रकोष्ठ अनिवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेगा।

इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा की कि आगामी 17 जनवरी को आगरा में अनिवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश मूल के अनिवासी भारतीयों को जोड़ने के लिए अखिलेश यादव ने घोषणा की कि उन सबको उत्तर प्रदेश सरकार अनिवासी कार्ड प्रदान करेगी। (संवाद)