समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने इसके पहले कहा था कि यदि घर वापसी के नाम पर हो रहे धर्मांतरण के कार्यक्रमों को नहीं रोका गया, तो इससे पूरे राज्य में सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा मिलेगा और इसके कारण सांप्रदायिक तनाव और बढ़ेंगे और फिर प्रदेश में दंगे भी हो सकते हैं।
सांप्रदायिक सौहार्द के खतरे को भांपते हुए अखिलेश यादव सरकार ने कड़ाई दिखाते हुए इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजकों की गिरफ्तारी शुरू कर दी। आगरा के कार्यक्रम के आयोजकों को भी गिरफ्तार किया गया और जो लोग अगले कार्यक्रमों की तैयारी में लगे हुए थे, उनमें से भी कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों ने घोषणा कर रखी थी कि वे 25 दिसंबर को अलीगढ़ में घर वापसी का कार्यक्रम करेंगे, जिनमें मुसलमानों के अलावा ईसाइयों को भी हिंदू बनाया जाएगा।
आरएसएस से जुड़े अनेक संगठनों ने प्रदेश के अन्य हिस्सों मंे भी इसी तरह के कार्यक्रमों की घोषणा कर रखी थी। गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ को उन आयोजनों में मुख्य अतिथि बनना था।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष हैं और वे उग्र हिंदुत्व का चेहरा हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उनका काफी प्रभाव है।
घर वापसी के अलावा अन्य नाम भी इन धर्मांतरण कार्यक्रमों को दिए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का एक नाम बेटी बचाओ, बहु लाओ भी है।
खबर आ रही थी कि धर्मांतरण के कार्यक्रमों की इन घोषणाओं के कारण प्रदेश भर में भारी तनाव व्याप्त हो गया है और मुस्लिम ईसाई संगठन भी कुछ इसी तरह के कार्यक्रम में लगे हुए हैं। इसके कारण भारी टकराव की आशंका को बल मिल रहा था।
अखिलेश सरकार द्वारा कड़ाई बरते जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी अपना रवैया बदल लिया और उसने अपने आपको इन काय्रक्रमों से अलग कर लिया।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि उनकी पार्टी का इन कार्यक्रमों से कुछ भी लेना देना नहीं है और वह धर्मांतरण के खिलाफ एक कानून चाहती है।
राजनैतिक विश्लेषक रमेश दीक्षित का कहना है कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी भारतीय जनता पार्टी अभी से कर रही है और धर्मांतरण के ये कार्यक्रम उसी को ध्यान में रखकर किए आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि चुनाव में इनसे उत्पन्न सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा लिया जा सके।
रमेश दीक्षित ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव करवाने में पहले से ही लगी हुई थी। उस तनाव का लाभ भी उसे 2014 के लोकसभा चुनावों में मिला और उसे अधिकांश सीटों पर जीत हासिल हुई।
उत्तर प्रदेश में कुछ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के पहले भी लव जेहाद के नाम पर भारतीय जनता पार्टी ने सांपद्रायिक ध्रुवीकरण की कोशिश की थी। पर उन कोशिशों का चुनावी फायदा उसे उपचुनावों में मिलता नहीं दिखाई दिया। (संवाद)
भारत
घरवापसी पर कसी नकेल
सक्रिय हुई अखिलेश सरकार
प्रदीप कपूर - 2014-12-19 12:18
लखनऊः संसद में हो रहे हंगामें और उत्तर प्रदेश द्वारा की गई कड़ाई के कारण आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों ने उत्तर प्रदेश में घर वापसी के कार्यक्रमों को वापस ले लिया है। वे प्रदेश के अनेक शहरों में घर वापसी के नाम पर धर्मांतरण कराने वाले थे।