केरल सरकार ने बंद पड़े उन 418 बारों को लाइसेंस जारी करने का निर्णय किया है, जिन्हें लाइसेंस जारी करने के मसले पर पिछले कुछ समय से केरल में राजनैतिक घमासान मचा हुआ है। पहले राज्य सरकार ने अदालत में कहा था कि सरकार उन्हें लाइसेस नहीं देने जा रही है। आगामी 10 सालों में केरल को शराब मुक्त करने की नीति के तहत उन बारों को भी बंद करने की नीति सरकार बना रही थी, जिन्हें लाइसेंस पहले से ही मिले हुए हैं।

अब सरकार ने अपनी नीति का एकाएक पलट डाला है। हालांकि नई नीति के तहत रविवार को शराब की उन दुकानों को बंद रखने का आदेश है, लेकिन सप्ताह के छह दिन बार पहले की अपेक्षा ज्यादा समय तक खुले रहेंगे।

राज्य सरकार ने इस मसले पर पूरी तरह यू टर्न ले डाला है और उसके इस निर्णय से लाग स्तब्ध रह गए हैं। यह निर्णय कितना चैंकाने वाला है, इसका अंदाज सत्तारूढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष वी एम सुधीरन के उस बयान से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार ने बारों के मसले पर उलटी डुबकी लगा दी है और शराब लाॅबी के सामने उसने पूरी तरह समर्पण कर डाला है।

उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर शराब लाॅबी के हाथों बिक जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी शराब नीति बना ली थी, लेकिन उसे कुछ नौकरशाहों की रिपोर्ट पर बदलने की बात वह लोगों को धोखा देने के लिए कर रही है, जबकि सच्चाई यह है कि वह शराब लाॅबी के कुछ लोगों के हाथों बिक गई है।

कहा जा रहा है कि अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ इस तरह का कड़ा बयान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष ने प्रदेश कांग्रेस के नेता एके एंटोनी व अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ सलाह मशविरे के बाद ही दिया है।

उधर मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने शराब नीति बदलने के अपने निर्णय को सही ठहराया है। वे कहते हैं कि अनेक बार निर्णय लेते समय अपनी पसंद और नापसंद को दबाना पड़ता है। सरकार में रहते हुए ऐसा प्रायः हो जाता है। कहने का मतलब यह है कि वे यह बताना चाह रहे हैं कि वे भी इस नई नीति से निजी रूप से असहमत हैं, लेकिन सरकार के मुखिया होने की विवशता उन्हें इस नीति के लिए बाध्य कर रही है।

सरकार के इस निर्णय का असर कांग्रेस के प्रदेश अध्य्रक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री के संबंधों पर पड़ रहा है। दोनों के संबंध पहले से ही तनाव पूर्ण चल रहे थे। इस निर्णय के बाद वे और भी खराब हो जाएंगे।

खबर आ रही है कि केरल प्रदेश कांग्रेस का चांडी गुट और चेनिथाला गुट इस मसले पर एक साथ होकर केन्द्रीय आलाकमान से प्रदेश अध्यक्ष की शिकायत दर्ज करने जा रहे हैं। शिकायत में वे कहंेगे कि प्रदेश अध्यक्ष के उस बयान ने कांग्रेस की छवि बहुत खराब कर दी है। गौरतलब है कि ये दोनों गुट उसी समय से सुधीरन के खिलाफ हैं, जब से उन्हे ंप्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष मनोनित किया गया है।

लेकिन सुधीरन का संबंध कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बहुत ही अच्छा है और उसके कारण कयास लगाया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कुछ भी नही बिगड़ने वाला है। गौरतलब हो कि एक बार पहले भी दोनों गुटों ने सुधीरन की शिकायत राहुल गांधी से की थी और राहुल ने दोनों को फटकार लगाते हुए कहा था कि उन्हें सुधीरन के साथ तालमेल बैठाकर काम करना है। (संवाद)