बार मालिकों के संघ के कार्यकारी अध्यक्ष बीजू रमेश ने फोन पर हुई बातचीत का एक टेप जारी किया है। उस टेप में केरल कांग्रेस (बी) के अध्यक्ष आर बालकृष्ण पिल्लै और सरकार के मुख्य सचेतक पीसी जार्ज से हुई उनकी बातचीत है। बातचीत के सार्वजनिक होने के बाद केरल कांग्रेस(मणि) के अध्यक्ष वित्तमंत्री के एम मणि घूसखोरी कांड में और गहराई से फंसते दिखाई पड़ रहे हैं।
बातचीत में पिल्लै जार्ज से कहते दिखाई देते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा था कि वित्तमंत्री शराब बारों के मालिकों से घूस ले चुके हैं ताकि बंद बारों को प्रदेश में दुबारा खोला जा सके। बातचीत में पिल्लै बीजू से कहते हैं कि वे अपनी बात पर अड़े रहें और घूसखोरी के मामले की सीबीआई जांच की मांग करें। वे बातचीत में बीजू से वायदा करते हैं कि मणि के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में वे उनका साथ देंगे। गौरतलब हो कि मणि केरल की प्रदेश राजनीति में पिल्लै के प्रतिस्पर्धी हैं।
बार संघ के एक अन्य पदाधिकारी भी सामने आया है और उसका दावा है कि उसने खुद मणि को 5 करोड़ रुपये की राशि दी थी। उस व्यक्ति ने संघ की बैठक में यह जानकारी दी थी और उसे बीजू ने रिकाॅर्ड कर लिया था।
सरकार के मुख्य सचेतक जाॅर्ज ने टेप की गई बातचीत में अपने नेता मणि के बारे में अपना मत व्यक्त किया है। वे कहते हैं कि सार्वजनिक तौर पर वे मणि के पक्ष में बोलते रहेंगे, लेकिन उन सार्वजनिक बयानों को वे गंभीरता से न लें, क्योंकि गुप्त रूप से मणि के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान का वह समर्थन करते हैं।
इन टेपों के सामने आ जाने के बाद पिल्लै की पार्टी को यूडीएफ से बाहर करने की मांग तेज हो गई है।
इसके अलावा पी जाॅर्ज पर भी हमले तेज हो रहे हैं। मणि के खिलाफ साजिश करने का आरोप उनके ऊपर लग रहा है। गौरतलब हो कि केरल कांग्रेस(मणि) के नेताओं का एक तबका शुरू से ही संदेश जाहिर कर रहा था कि जाॅर्ज का हाथ इस सारे प्रकरण में है।
पिल्लै को बाहर निकालने की मांग मुख्यमंत्री के लिए बहुत भारी पड़ रही है। यदि उन्होंने पिल्लै के खिलाफ कार्रवाई की, तो उनकी सरकार के लिए ही खतरा पैदा हो सकता है। यदि उन्हेंोने कार्रवाई नहीं की और मणि ने कोई कड़ा कदम उठा लिया, तब भी चांडी सरकार के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
मुख्यमंत्री पिल्लै के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकते, क्योंकि पिल्लै के पास सोलर घोटाले से संबंधित कई सबूत हैं, जो सार्वजनिक होने के बाद आमन चांडी के खिलाफ जा सकते हैं। कांग्रेस के कई नेता सके दायरे में आ सकते हैं।
पिल्लै ने खुल रूप से कहा है कि वे कांग्रेस और इसके कई नेताओं के खिलाफ रहस्य उगल सकते हैं। मुख्यमंत्री को पता है कि यदि ऐसा किया गया, तो फिर उनकी सरकार का बचना असभंव है।
लेकिन मुख्यमंत्री पिल्लै को बाहर करने की मांग को भी दरकिनार नहीं कर सकते। मणि की कांग्रेस के पास 9 विधायक हैं। यदि वे सरकार से बाहर हो गए और समर्थन वापस ले लिया, तो चांडी की सरकार सीधे अल्पमत में आ जाएगी और तास के पत्ते की तरह गिर जाएगी। (संवाद)
भारत: केरल
नये संकट में फंसा यूडीएफ सरकार
बार घूसखोरी कांड में नया खुलासा
पी श्रीकुमारन - 2015-01-22 11:49
तिरुअनंतपुरमः केरल की यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) सरकार का संकट और भी बढ़ गया है। इसका कारण शराब के बार मालिकों के र्संघ द्वारा दी गई घूस का मामला है। वित्तमंत्री के एम मणि पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने बार संघ के मालिकों से घूस खाए। इसी मामले में अब कुछ नई बातें सामने आई हैं।