कैंप चार दिनों तक चला। उसमें 20 हजार स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। इस कैंप की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि सभी 20 हजार लोगों के भोजन का इंतजाम सागर के लोगों ने ही किया। यह कैंप कितना महत्वपूर्ण था, इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि सरसंघ चालक मोहन भागवत ने खुद इसमें हिस्सा लिया। उनके अलावा सह कार्यवाह दत्तात्रेय हसबोले, सुरेश सोनी, कृष्ण गोपाल और अन्य बड़े पदाधिकारियों ने भी इसमें शिरकत की।

चार दिनों के कैंप में संघ के पदाधिकारियों ने मध्यप्रदेश सरकार के कामकाज का भी जायजा लिया। भागवत ने कैंप में हिस्सा ले रहे लोगों को बताया कि उन्हें मोदी सरकार से कम दिनों में बहुत कुछ पाने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मोदी कोई जादूगर नहीं हैं कि एक सेकेंड में कुछ भी पैदा कर दें। ऐसा कहकर उन्होंने इस अटकलबाजी को शांत करने की कोशिश की कि वे नरेन्द्र मेादी की सरकार से खुश नहीं हैं।

अपने भाषण में उन्होंने अनेक विवादास्पद बातें भी कही। उन्होंने दावा किया कि नोबल पुरस्कार विजेता रबीन्द्र नाथ टैगोर भी चाहते थे कि भारत हिन्दू राष्ट्र बने।

भागवत ने रबीन्द्र नाथ टैगोर की एक पुस्तक ’’स्वदेशी समाज’’ में छपे एक लेख का हवाला दिया और कहा कि वह लेख बंगाल के विभाजन के समय लिखा गया था, जिसमें श्री टैगोर ने कहा था कि हिन्दुत्व एक ऐसी विचारधारा है, जो सभी मजहबों के लोगों को अपने साथ लेकर चल सकती है और इसके कारण साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल कायम रखा जा सकता है।

भागवत ने अपने भाषण में इजरायल की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने भारत की कजोर रक्षा तैयारियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब भारत आजाद हुआ, लगभग उसी समय इजरायल बना, लेकिन इजरायल अपने विरोधियों को जैसा का तैसा तेवर से जवाब देता है। भारत को इजरायल का अनुकरण करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इजरायल ने सिर्फ अपने विरोधियों का सफलता पूर्वक सामना किया है, बल्कि उसने अच्छी प्रगति भी की है और उसकी गिनती विकसित देशों में होती है। उसने कृषि और टेक्नालाॅजी के विकास में काफी उन्नति की है। इजरायल से यदि हम भारत की तुलना करें, तो यह बहुत ही पिछड़ा देश है।

उन्होंने कहा कि देश सबसे ऊपर है और अच्छी बात है कि देश के सभी नेता, चाहे वे किसी भी विचारधारा के हों, इस बात को स्वीकार करते हैं।

उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व जीने का एक तरीका है और यह भारत में बसे लोगों को एक करने व देश के लिए जीने और मरने के लिए प्रेरित करता है।

उन्होंने संघ के विरोधियों को कहा कि वे शाखाओं में आएं और खुद देखें कि स्वयंसेवकों को किस तरह से तैयार किया गया है। संघ के बारे में अपना विचार तैयार करने के पहले उन्हें हमारी शाखाओं में आकर हमें देखना चाहिए।

सागर से आ रही खबरों के अनुसार भागवत ने संघ के पदाधिकारियों से शिवराज सिंह चैहान के कामकाज के बारे में भी जानकारी प्राप्त की। सूत्रों के अनुसार संघ के अनेक पदाधिकारियों ने शिवराज सिंह चैहान की सरकार की शिकायत की। खासकर उन्होंने कानून व्यवस्था की गिरती हालत को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने भागवत से कहा कि निर्दोष हिन्दुओं को पुलिस झूठे मुकदमे में फंसा रही है। जिला स्तर पर अफसरों के भ्रष्टाचार के बारे में भी भागवत को बताया गया। (संवाद)