छिंदबाड़ा में भी भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल कर ली। उसकी यह जीत काफी मायने रखती है, क्योंकि उस कांग्रेस नेता कमलनाथ का गढ़ माना जाता है।
भारतीय जनता पार्टी की जीत की जो शुरुआत 2013 विधानसभा के चुनाव में हुई थी, वह थमने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा चुनाव के बाद मई में लोकसभा के चुनाव हुए थे। उसमें भी भाजपा ने शानदार सफलता हासिल की थी और 29 में से 27 सीटों पर उसकी जीत हुई थी।
जहां तक स्थानीय निकायों के चुनावों में सफलता का सवाल है, तो इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को ही जाता है। लोकसभा चुनाव में तो भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट मांग रहे थे। पर मध्यप्रदेश के स्थानीय निकायों के चुनावों में शिवराज सिंह चैहान के नाम पर ही वोट मांगा जा रहा था। नारा था कि यदि आप विकास चाहते हैं, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के हाथ को मजबूत करें और उसके लिए भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करें। उस नारे ने काम किया और अब भारतीय जनता पार्टी न केवल राज्य की सत्ता पर काबिज है, बल्कि स्थानीय निकायों के चुनावो में जीत कर उसने वहां भी अपनी सत्ता स्थापित कर ली है। लोकसभा में तो उसने पहले ही विशाल सफलता हासिल कर ली थी।
इन्दौर का उदाहरण भाजपा के लिए आंखे खोलने वाला है। कैलाश विजयवर्गीय वहीं से आते हैं। वे एक बहुत ही शक्तिशाली नेता हैं और कहा जाता है कि इन्दौर में उन्हीं की तूती बोलती है। वहां भाजपा ने मालिनी गौड़ को मेयर का अपना उम्मीदवार बनाया था। कैलाश विजयवर्गीय उसका विरोध कर रहे थे। उनके विरोध के बावजूद मालिनी गौड़ की शानदार जीत हुई। इन्दौर लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन का लोकसभा क्षेत्र है। गौरतलब है कि सुश्री महाजन की कैलाश विजयवर्गीय से नहीं पटती।
मालिनी को सुमित्रा महाजन का आशीर्वाद प्राप्त था। इसलिए मालिनी की जीत को विजयवर्गीय के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है।
भोपाल में भाजपा की हुई जीत शिवराज सिंह चैहान के लिए ही नहीं, बल्कि गृहमंत्री बाबूलाल गौर के लिए भी वाहवाही का कारण बन रहा है। उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले वार्डों में भाजपा की जीत सबसे ज्यादा शानदार रही। इससे पता चलता है कि उनकी पकड़ अपने क्षेत्र पर बनी हुई है। गौर के क्षेत्र में जहां भाजपा को शानदार सफलता मिली, वहीं उच्च शिक्षा मंत्री उमा शंकर गुप्ता के क्षेत्र में कांग्रेस के कुछ उम्मीदवार जीत भी गए।
इस बार भाजपा ने मुसलमानों में अपनी पैठ मजबूत करने की गंभीर कोशिश की। भाजपा ने 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए थे। ये टिकट मुस्लिम बहुत इलाकों मंे ही दिए गए थे। 10 में से 1 मुस्लिम भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहा। जाहिर हैए मुस्लिम मतदाताओं में पैठ बनाने की भाजपा की कोशिश विफल हो गई और उसे सिर्फ हिंदू वोट से ही संतोष करना पड़ा। (संवाद)
भारत
मध्यप्रदेश में भाजपा को बड़ी जीत
मुख्यमंत्री को जाता है इस जीत का श्रेय
एल एस हरदेनिया - 2015-02-09 11:58
भोपालः मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी सर्वेक्षणों के नायक दिखाई पड़ रहे हैं। स्थानीय निकायों के चुनावों में जीत के बाद वे सत्ताारूढ़ पार्टी के नेताओं में सबसे आगे दिखाई र्पड़ रहे हैं। अब भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के सभी महानगरों के निकायों पर शासन कर रही है।