गौरतलब है कि आरएसपी लंबे समय तक केरल की राजनीति मे वाम मोर्चे का हिस्सा रहा करती थी, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव के पहले वह वाम दलों के मोर्चा एलडीएफ से बाहर हो गई थी। उसके बाद उसने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का हाथ पकड़ लिया था। लोकसभा में टिकट के बंटवारे को लेकर आरएसपी का सीपीएम के साथ टकराव हो गया था।
इस बार कांग्रेस के साथ आरएसपी का टिकट को लेकर टकराव हो रहा है। केरल में विधानसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है। विधानसभा अध्यक्ष कार्तिकेयन की मौत के कारण उनकी सीट खाली हो गई थी। वे कांग्रेस के विधायक थे।
उनकी सीट पर हो रहे उपचुनाव में आरएसपी भी अपना दावा ठोक रही है। वह चाहती है कि कांग्रेस वह सीट उसे दे दे, लेकिन कांग्रेस उसके लिए तैयार नहीं है, क्योंकि पिछली बार उसके उम्मीदवार ही उस सीट पर जीते थे।
पर आरएसपी का कहना है कि वह क्षेत्र उसका गढ़ रहा है। इस समय उस क्षेत्र का नाम अरुविक्कारा है, लेकिन उसका नाम पहले अर्यान्द हुआ करता था। विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्परिसीमन के बाद यह बदलाव हुआ है। अर्यान्द से आरएसपी के उम्मीदवार अनेक बार विजयी हुए हैं।
आएसपी उस विधानसभा क्षेत्र पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार है, लेकिन उसकी एक शर्त है और वह यह है कि उसके विधायक को विधानसभा उपाध्यक्ष का पद दिया जाय। कांग्रेस और मुख्यमंत्री चांडी ने उस पर चुप्पी साध रखी है।
लेकिन लगता है कि कांग्रेस आरएसपी की इस दूसरी मांग को स्वीकार कर लेगी। उसका कारण यह है कि यूडीएफ बहुत समय तक आरएसपी को नाराज नहीं रख पाएगी। अरुविक्कारा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस को आरएसपी के पूर्ण सहयोग की जरूरत पड़ेगी। यदि आरएसपी ने उसे वहां दिल से साथ नहीं दिया, तो कांग्रेस विधायक की वहां हार भी हो सकती है। और कांग्रेस यह हरगिज नहीं चाहेगी कि उसका उम्मीदवार वहां हार जाए।
आरएसपी के पास इस समय तीन विधायक हैं और प्रदेश सरकार के स्थिरता के लिए उनका समर्थन मिलते रहना बहुत जरूरी है। यदि उन्होंने प्रदेश सरकार से समर्थन वापस ले लिया, तो सरकार खतरे में भी पड़ सकती है।
कांग्रेस के साथ आरएसपी के बढ़ते टकराव को देखते हुए सीपीएम को लग रहा था कि उसका एक पुराना साथी उसके खेमे में एक बार फिर वापस आ जाएगा। आरएसपी के राष्ट्रीय सचिव अवनी राय ने एक व्यक्त देकर सीपीएम की उम्मीद और बढ़ा दी थी। श्री राय ने विशाखापतनम में सीपीएम की 21 वीं पार्टी कांग्रेस को संबोधित करते हुए सीपीएम द्वारा वाम दलों की एकता लाने के प्रयासों की सराहना की थी। लेकिन उसके बाद आरएसपी ने औपचारिक रूप से घोषणा कर दी कि केरल में एलडीएफ में वापस आने का उसका कोई इरादा नहीं है। उसकी इस घोषणा से सीपीएम में निराशा का माहौल बन गया है। (संवाद)
भारत: केरल
सीपीएम की वाम एकता प्रयास को झटका
आरएसपी ने एलडीएफ में आने से इनकार कर दिया
पी श्रीकुमारन - 2015-04-18 11:25
तिरुअनंतपुरमः सीपीएम वाम एकता की कोशिश कर रही थी और उसे लग रहा था कि उसकी यह कोशिश सफल होगी और रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी एक बार फिर उसके साथ आ जाएगी। लेकिन उसकी इस कोशिश को झटका लगा है।