2016 में तमिलनाडु विधानसभा के आमचुनाव होने हैं। वहां का मुख्य विपक्षी डीएमके को लग रहा था कि हाई कोर्ट जयललिता की सजा बरकरार रखेगा और इस उम्मीद के उसके नेता आगामी विधानसभा चुनाव में एक बार फिर सत्ता में आने के सपने संजोने लगे थे। डीएमके अपने लिए नये सहयोगी की तलाश में भी लगा हुआ था।
अन्य तमिल पार्टियां भी अपने अपने सपने देख रही थीं। भारतीय जनता पार्टी को भी अपना भविष्य उज्ज्वल होता दिखाई पड़ रहा था। वह छोटी छोटी तमिल पार्टियों से गठबंधन करने के विकल्प पर भी विचार कर रही थी, हालांकि लोकसभा में जिन पार्टियों के साथ भाजपा ने गठबंधन किया था, अब वे उसे छोड़ चुकी हैं। डीएमके के साथ सिर्फ कांग्रेस तालमेल बैठाने की सोच रही थी।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद तमिल मणीला कांग्रेस को छोड़कर अन्य सारी पार्टियां स्तब्ध है। सिर्फ तमिल मणीला कांग्रेस के नेता जी के वासन ने उस फैसले का आदर किया है और कहा है कि सभी को उस फैसले का आदर करना चाहिए और इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। अब सभी पार्टियों को अपनी अपनी रणनीतियों पर फिर से विचार करना पड़ रहा है।
फैसला आने के दिन सुबह से ही तमिलनाडु में तनाव था। किसी को पता नहीं था कि हाई कोर्ट का फैसला क्या होगा। जैसे ही जज ने फैसला सुनाया, तमिलनाडु में जश्न का दौर शुरू हो गया।
करुणानिधि के आवास में उनके पुत्र एम के स्टालिन, ए राजा, टी के एलांगोवन और कुछ अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे और फैसले का इंतजार कर रहे थे। फैसले पर उनका गहरी निराशा हुई, यह बात कोई भी समझ सकता था। सुब्रह्मण्यम स्वामी भी इस मुकदमे से एक समय जुड़े हुए थे और जयललिता के खिलाफ वकालत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे हाई कोर्ट के फैसले पर सदमे में हैं।
डीएमके नेता करुणानिधि ने उम्मीद जाहिर की है कि कर्नाटक सरकार के पब्लिक प्रोस्क्यूटर इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट मंे चुनौती देंगे। श्री स्वामी ने कहा कि यदि कर्नाटक सरकार इस मसले को ऊपर की अदालत में ले जाती है, तो वे खुद भी इस मुकदमे में एक पार्टी बन जाएंगे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम कभी भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं और उनकी जगह जयललिता मुख्यमंत्री की शपथ ले सकती है। जयललिता की पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई और उसमें हाई कोर्ट के फैसले का जश्न मनाया गया। विधायक दल जयललिता के आदेश की प्रतीक्षा कर रहा है।
जयललिता ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सच्चाई और न्याय की जीत हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने कभी गलत काम नहीं किया और उन्हें करुणानिधि ने एक साजिश के तहत फंसाया था, ताकि उनकी पार्टी को बर्बाद किया जा सके। (संवाद)
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जयललिता की सजामुक्ति से विरोधी स्तब्ध
सत्ता में वापस आने के बाद दिखेगा उनका नया रूप
एस सेतुरमण - 2015-05-12 15:31
चेन्नईः आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के मामले में सेसन कोर्ट से मिली सजा से मुक्त हो जाने क बाद जयललिता और उनकी पार्टी पर मंडरा रहा संकट समाप्त हो गया है। कर्नाटक हाई कोर्ट में उनकी सजा के फैसले के खिलाफ अपील का मामला चल रहा था और जयललिता के पक्ष में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। उसके पहले उनकी पार्टी के भविष्य को लेकर तरह तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं। यदि जयललिता को हाई कोर्ट ने भी दोषी मान लिया होता, तो उनकी पार्टी का भविष्य निश्चय ही धुंधला हो जाता।