मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी कार्यकत्ताओं के अलावा अन्य लोगों से भी फीडबैक प्राप्त कर रहे हैं। वे फीडबैक बहुत उत्साहजनक नहीं हैं। इसके कारण वे अपने पुत्र अखिलेश यादव व अन्य पार्टी नेताओं को लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि यदि उन्हे अगला चुनाव जीतना है, तो उन्हें अभी से बहुत मेहनत करनी होगी।

कुछ दिन पहले समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की 83 वीं जयंती मनाई जा रही थी। उस दिन उन्होंने अपनी पार्टी नेताओं को कहा कि यदि वे एसी कमरे से बाहर नहीं निकलते हैं, तो उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े पार्टी के कार्यकत्र्ता कह रहे हैं कि 2017 के चुनाव के लिए हमारी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता लोगों और उनकी समस्याओं से कट गए हैं और इसके कारण पार्टी को भारी नुकसान हो रहा है।

पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के सदमे से मुलायम सिंह यादव अभी तक उबर नहीं पाए हैं। उस चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा था। कहां वे प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे थे, वहीं वे मुश्किल से अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव जीतवा पाए। उनके परिवार के बाहर के सभी सपा उम्मीदवार चुनाव हार गए थे।

मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोकसभा के अंदर सत्तारूढ़ पक्ष का सामना करने में उन्हें बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनकी पार्टी के सिर्फ 5 लोकसभा सदस्य वहां मौजूद हैं और वे सभी के सभी उनके परिवार के ही हैं।

मुलायम सिंह यादव इस बात को लेकर दुखी हैं कि उनके बार बार याद दिलाए जाने के बावजूद अभी तक पार्टी के नेता लोकसभा चुनाव में हुई हार के कारणों के बारे में रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं।

मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी के नेताओं से बहुत ही खफा है। उनमें से अनेक का व्यवहार उन्हें ठीक नहीं लग रहा है। इसलिए वे यह चेतावनी भी दे रहे हैं कि उन नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा, जो लोगों के लिए काम नहीं कर रहे हैं और जिनपर दाग लग रहा है।

समाजवादी पार्टी के नेता ने यह भी स्पष्ट कर दिया हैं कि उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्य चुनौती भारतीय जनता पार्टी की ओर से मिलने वाली है, बहुजन समाज पार्टी की ओर से नहीं।

समाजवादी पार्टी के सामने हैदराबाद के नेता ओवैसी भी एक समस्या बनकर उभर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनके प्रवेश से समाजवादी पार्टी के मुस्लिम जनाधार पर खतरा मंडरा रहा है। इसलिए पार्टी ओवैसी के उत्तर प्रदेश में राजनीति करने का सख्त विरोध कर रही है।

ओवैसी बहुत दिनों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रवेश की बात कर रहे हैं, लेकिन पहले समाजवादी पार्टी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही थी। पर अब पार्टी को ओवैसी का खतरा महसूस होने लगा है। यही कारण है कि मुलायम सिंह कह रहे हैं कि ओवैसी की उत्तर प्रदेश में सक्रियता का सक्रिय विरोध किया जाना चाहिए। (संवाद)