समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव आजकल अपने बेटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी सरकार की काफी आलोचना करते दिखाई देते हैं।
मुलायम सिंह यादव अखिलेश और प्रदेश के अधिकारियों की आलोचना करने का कोई भी मौका आजकल नहीं गंवाते हैं। उन्हें जब भी मौका मिलता है, आलोचना शुरू कर देते हैं। वे सरकारी मंचों से भी आलोचना कर रहे हैं और राजनैतिक मंचों से भी।
एक बार वे अपने लोकसभा क्षेत्र की एक शिलान्यास सभा में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर बैठे हुए थे। जब उन्हें बोलने के लिए कहा गया, तो वे अपनी सीट से खड़े नहीं हुए और कहा कि वे शिलान्यास में विश्वास नहीं करते, बल्कि उद्घाटन में विश्वास करते हैं और चाहते हैं कि समय बद्ध तरीके से काम पूरा हो और जल्द से जल्द उसका उद्घाटन हो।
मुलायम सिंह यादव सरकार के मंत्रियों से भी नाराज हैं और उन्हें बार बार याद दिला रहे हैं कि विलासिता से उठकर वे आम लोगों के बीच आएं। वे चेतावनी दे रहे हैं कि जो मंत्री अपने कार्यालयों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, वे अगले विधानसभा चुनाव में जीतकर नहीं आ पाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि थाने की राजनीति के द्वारा पार्टी के अनेक नेता और कार्यकत्र्ता पैसे की कमाई करने में लगे हुए हैं।
अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल यादव, जो अखिलेश सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री हैं, खुद भी अखिलेश की आलोचना पर उतर आए हैं।
मुख्यमंत्री के आवास पर सिंचाई विभाग का एक फंक्शन हो रहा था। उस फंक्शन में बोलते हुए शिवपसल ने उन सरकारी विभागों की जमकर आलोचना शुरू कर दी, जो सीधे मुख्यमंत्री के अधीन हैं।
उन्होंने कहा कि जब वे भ्रष्टाचार और निकम्मेपन के लिए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं, तो वे मुख्यमंत्री के पास जाकर मेरे बारे में गलत जानकारियां उन्हें देते हैं।
शिवपाल सिंचाई मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का वित्त और वन विभाग सिंचाई विभाग के काम में समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। गौरतलब हो कि वित्त और वन विभाग मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अधीन ही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आइएएस अधिकारी भी उनके विभाग द्वारा किए जाने वाले कामों में अड़ंगेबाजी करते रहते हैं। उन्होंने शिकायती लहजे में कहा कि ये अधिकारी जबतक दिल्ली और विदेश की यात्राओं पर चले जाते हैं, लेकिन उन्हें प्रदेश के लिए भी काम करना चाहिए।
उन्होंने इंजीनियरों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपने काम पर ध्यान दें, अन्यथा उन्हें दंड भंुगतना पड़ेगा। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि प्रशासन कैसे चलाया जाता है, अब यह उन्होने सीख लिया है और वे जल्द ही नौकरशाही पर लगाम लगा देंगे।
गौरतलब हो कि 2012 में जब समाजवादी पार्टी सत्ता में आई थी, तो शिवपाल सिंह यादव और आजम खान अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे। वे चाहते थे कि मुलायम ही मुख्यमंत्री बनें। उस समय बहुत मुश्किल से मुलायम सिंह ने उन दोनो को अखिलेश को मुख्यमंत्री स्वीकार करने के लिए तैयार किया था। शुरू से अखिलेश न तो शिवपाल के और न ही आजम खान के मंत्रालयों में किसी तरह का हस्तक्षेप करते हैं।(संवाद)
समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं
परिवार और अखिलेश सरकार अस्थिर है
प्रदीप कपूर - 2015-09-16 07:44
लखनऊः मुलायम परिवार और अखिलेश सरकार मे सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। सार्वजनिक मंचों पर उसकी अभिव्यक्ति देखी जा सकती है।