प्रवेश परीक्षा में सफल होने के बाद उम्मीदवारों को काउंसलिंग की प्रक्रिया से गुजरना होता है। लेकिन काउंसलिंग के दौरान भारी पैमाने पर अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। आरोपों की प्रकृति बहुत ही गंभीर है और प्रभावित उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों ने नाराज होकर खासा हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने पीपल्स काॅलेज आॅफ मेडिकल साइसेंस एंड रिसर्च के सामने की सड़क को जाम भी कर दिया। यह दूसरे दिन के काउंसलिंग की घटना है। उस काॅलेज में एमबीबीएस की 491 सीटें हैं। दूसरे दिन काउंसलिंग के लिए आए उम्मीदवारों और उनके अभिभावकों को बताया गया कि 491 में से 485 सीटों को पहले दिन ही भर दिया गया।
गुस्साए छात्रों और उनके अभिभावकों ने काउंसलिंग केन्द्र में लगे पोस्टर और बैनर को फाड़ डाला और नारे लगाने लगे। उन्हें पास की सड़क को जाम कर दिया। जाम आधे घंटे तक रहा। फिर पुलिस ने ताकत का इस्तेमाल कर जाम को क्लियर करवाया।
सुभाष मंदवारा ने इस संवाददाता को बताया कि केन्द्र में बताया गया कि पहले दिन ही 485 सीट भर दिए गए थे और मात्र 6 सीट दूसरे दिन के लिए बची हुई थी। केन्द्र ने यह भी नहीं बताया गया कि जिन्हें नामांकन के लिए चुना गया, उनके कितने अंक थे और न्यूनतम कितने अंक पाने वाले को नामांकन के लिए चुना गया। वे किसी भी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराने को तैयार नहीं थे।
पटना से आए डाॅक्टर आलम ने बताया कि उनके भाई को 130 अंक प्राप्त हुए थे, जो गलत सवाल प्रश्न पत्र में रहने के कारण बढ़ाकर 138 हो गए थे। उसके बावजूद उसका रैंक नहीं बढ़ाया गया। वह अपनी शिकायत करते रहे, लेकिन उनकी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं था।
इस बीच पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने प्रवेश और शुल्क नियमन समिति को एक आवेदन दिया है, जिसमें परीक्षा में बरती जा रही गोपनीयता को लेकर सवाल खड़ा किया गया है। उन्होंने अपने आवेदन में पूछा है कि काउंसलिंग के पहले कट आॅफ अंक क्यों नहीं बताए गए? वे इस प्रवेश परीक्षा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले भी हैं।
अनेक उम्मीदवारों ने लिखकर अपनी शिकायत केन्द्र पर दर्ज कराई है और उनमें से कई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उनका आरोप है कि प्रवेश प्रक्रिया में हाई कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।
अनेक उम्मीदवार कह रहे हैं कि उनसे दलालों ने फोन पर काउंसलिंग के पहले संपर्क किया था और प्रवेश में सहायता देने की पेशकश कर रहे थे। दलाल प्रवेश सुनिश्चित कराने का वायदा कर रहे थे। इससे पता चलता है कि प्रवेश की प्रक्रिया में जहां गोपनीयता बरती जानी थी, वहां गोपनीयता नहीं बरती गई और जो चीज सार्वजनिक किया जाना था, उस पर गोपनीयता बरती जा रही है। (संवाद)
भारत
व्यापम घोटाले से कोई सबक नहीं लिया
मध्यप्रदेश के मेडिकल काॅलेज अभी भी दलालों की गिरफ्त में
एल एस हरदेनिया - 2015-10-18 03:08
भोपालः व्यापम घोटाले से संबंधित तथ्य अभी भी रहस्य के धुंध से बाहर नहीं आए हैं और निजी मेडिकल व डेटल काॅलेजों में प्रवेश में घोटालों की नई नई खबरें आना शुरू हो गई हैं। मेडिकल और डेंटल काॅलेज में नामांकन के इच्छुक छात्रों और छात्राओं के माॅं-बाप प्रवेश में भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। निजी मेडिकल और डेंटल काॅलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं निजी मेडिकल और डेंटल काॅलेजों का संघ आयोजित करता है।