मध्यप्रदेश में पिछले कुछ सालों से कृषि क्षेत्र में लगातार प्रयोग किया जा रहा है। इसका परिणाम भी दिखाई दिया है। कृषि एक ऐसा क्षेत्र बन चुका है, जहां शासन ने लगातार विकास दर्ज किया है। मध्यप्रदेश को अब देश के खाद्यान के कटोरे के रूप में पहचान मिली है। इसका प्रमाण है मध्यप्रदेश को तीन बार कृषि कर्मण पुरस्कार हासिल करना। मध्यप्रदेश ने राज्य में कृषि विकास को यूएसपी बनाया हुआ है। मध्यप्रदेश ने कृषि उत्पादन में कई विकसित राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। कृषि क्षेत्र के इस विकास ने मध्यप्रदेश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और इसके साथ ही कृषि आधारित औद्योगिक विकास की संभावनाओं के नए राह भी खोले हैं। पिछले दस साल में प्रदेश ने सिंचाई क्षमता बहुत ज्यादा बढ़ाई है। जलाशयों एवं नहरों के निर्माण के साथ-साथ बलराम तालाब योजना, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में कुओं का निर्माण करने जैसे उपायों से खेतों को पानी मिला। पर्याप्त बिजली मिलने से हर खेत तक पानी पहुंचाने में आसानी हुई है। खेती के लिए दस घंटे बिजली मिल रही है। प्रदेश की शरबती गेहूं से प्रदेश को नई पहचान मिली है। प्रदेश के धान को बासमती का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। खेती से जुड़े उद्यानिकी और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में भी नवाचारी उपाय किए गए हैं। गांवों में कृषि यंत्रों की उपलब्धता, खेती से संबंधित मामलों में तत्काल निर्णय लेने के लिए कृषि कैबिनेट का गठन, कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से हर जिले में कम से कम पांच हजार किसानों को परामर्श देने की पहल और गेहूं के ई-उपार्जन जैसे प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।
कृषि विकास के अलावा चौहान ने मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास पर भी ध्यान दिया। प्रदेश में टेक्सटाइल हब, स्किल डेव्हलपमेंट सेंटर, आई.टी. पार्क के साथ-साथ लघु उद्योग पर भी जोर दिया गया है। निवेशकों को यहां सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। मध्यप्रदेश में भरपूर बिजली उपलब्ध है। प्रदेश में अब तक चार बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट आयोजित किया जा चुका है, जिसके माध्यम से लाखों करोड़ के निवेश की प्रक्रियाएं चल रही हैं। पहले निवेशकों से एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग) करने पर जोर दिया जाता था, पर चैथे समिट में एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट पर जोर दिया गया। प्रदेश में निवेशकों के लिए भूमि बैंक बनाया गया है, जहां से उन्हें औद्योगिक ईकाई के लिए जमीनें दी जाएंगी। मुख्यमंत्री यह भी मानते हैं कि औद्योगिक विकास के लिए किसी किसान की जमीन उसकी इच्छा के बिना अधिग्रहित नहीं की जाएगी। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रदेश के औद्योगिक विकास की तारीफ की थी।
प्रदेश में कृषि विकास को देखते हुए प्राथमिकता सूची में पहली प्राथमिकता कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण पर दिया जा रहा है। यहां कृषि विकास एवं अनाज उत्पादन को देखते हुए फास्ट मुविंग कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली कंपनियों के लिए ज्यादा स्कोप है, जो खाद्य प्रसंस्करण पर जोर दे रही हैं। प्रदेश में निजी निवेशकों के साथ-साथ विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा विभिन्न नई परियोजनाओं और मौजूदा परियोजनाओं के विस्तार के माध्यम से मध्यप्रदेश में लगभग ढाई लाख करोड़ रुपए के निवेश की प्रक्रियाएं चल रही हैं। औद्योगिक विकास के लिए ’मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ प्रदेश में ‘मेक इन एमपी’ का नारा दिया गया है।
प्रदेश में कृषि एवं औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्धता के बीच चौहान का मुख्यमंत्री के रूप 10 का कार्यकाल पूरा करना भाजपा एवं चैहान के लिए बेहतरीन उपलब्धि है। बिजली, सड़क और पानी की समस्या से जूझते प्रदेश को उससे बाहर लाकर कृषि एवं औद्योगिक विकास में योगदान देते हुए चैहान ने अपने कीर्तिमानी कार्यकाल को यादगार बनाने का प्रयास किया है। (संवाद)
मध्यप्रदेश में खेती एवं औद्योगिक सुधार के 10 साल
मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने दी आर्थिक विकास को गति
विशेष संवाददाता - 2015-11-28 11:35
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रूप में 10 साल से ज्यादा के कार्यकाल का रिकाॅर्ड बना रहे शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। सड़क और बिजली के मुद्दे पर 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया था। सुश्री उमा भारती एवं बाबूलाल गौर के बाद 29 नवंबर 2005 को प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद शिवराज सिंह चौहान ने संभाला था। अब वे अपने कार्यकाल का 10 साल पूरा कर लिए हैं। इन 10 सालों में सामाजिक विकास की योजनाओं के साथ-साथ उनका जोर प्रदेश में कृषि एवं औद्योगिक विकास पर ज्यादा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर किसान पुत्र की छवि भी बनाई है। लगातार कृषि कर्मण अवार्ड एवं प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट ने प्रदेश को आर्थिक विकास में आगे कर दिया है।