सोनिया गांधी पिछले दिनों केरल की यात्रा पर आईं थी। उनसे सहयोगी दलों के नेता मिले। उन्होंने कहा कि यदि यूडीएफ को आगामी विधानसभा चुनावों मंे जीतना है तो कांग्रेस की गुटबाजी समाप्त होनी चाहिए। यूडीएफ की खराब छवि के लिए उनलोगों ने कांग्रेस को ही जिम्मेदार बताया।

कांग्रेस में गुटबाजी की स्थिति किस कदर लाइलाज है इसे एक कांग्रेसी नेता ने अपने तरीके से बताया। वे कांग्रेसी नेता किसी गुट से जुड़े हुए नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सूरज पश्चिम से उग सकता है और कुत्ते की पूछ सीधी हो सकती है, लेकिन केरल कांग्रेस में गुटबाजी कभी समाप्त नहीं हो सकती।

इसलिए यह कहने में आसान लग सकता है कि गुटबाजी बंद करा दो, पर सच्चाई यही है कि इसे समाप्त नहीं होना है और कांग्रेस के सहयोगी दलों को गुटबाजी से ग्रस्त कांग्रेस के साथ बने रहने की आदत डालनी होगी। गुटबाजी को समाप्त करना कांग्रेस आलाकमान के दोनो नेताओं के भी वश में नहीं है।

सच तो यह है कि कांग्रेस का अलाकमान ही इस गुटबाजी के लिए जिम्मेदार भी है। जब कांग्रेस अलाकमान इस गुटबाजी को समाप्त कराने में समर्थ थी, तो उसने उस समय वैसा करने की कोशिश ही नहीं की।

अब तो राजनैतिक स्थितियां ही बदल गई हैं। अब कांग्रेस का आलाकमान कमजोर हो गया है। वह नेशनल हेराल्ड मामले में फंसा हुआ है। कांग्रेस के केरल राज्य के नेता इस बात को समझते हैं। यही कारण है कि अब उन्हें अपने शीर्ष नेताओं का डर भी नहीं रह गया है। अब न तो मुख्यमंत्री ओमन चांडी को सोनिया अनुशासित कर सकती हैं और न ही गृहमंत्री रमेश चेनिंथाला को।

सोनिया गांधी ने जब केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष वीएम सुधीरन, मुख्यमंत्री चांडी और गृहमंत्री चेनिंथाला को गुटबाजी से ऊपर उठने के लिए कहा, तो उन्होंने मिलकर एक संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया। लेकिन सबको पता है कि वह प्रेस कान्फ्रेंस दिखावे के लिए ही था।

कांग्रेस के सहयोगी दल उसकी गुटबाजी का फायदा भी उठाते रहते हैं। कांग्रेस के आंतरिक कलह का सबसे ज्यादा फायदा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग उठाता है।

केरल कांग्रेस(मणि) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग कांग्रेस की गुटबाजी का फायदा उठाकर अपने अपने सांप्रदायिक हितों को पूरा करते हैं और इस क्रम में उन्होंने हिन्दुओं को कांग्रेस से दूर करने का काम किया है, जिसका फायदा भाजपा उठा रही है। यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी का केरल में वोट शेयर 8 से बढ़कर साढ़े बारह हो गया है। (संवाद)