उत्तर प्रदेश में पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 80 में से 73 सीटों पर जीत हासिल कर ली थी। उसके बाद भाजपा का पतन जारी है। विधानसभा उपचुनावों में तो उसकी हार हुई ही, स्थानीय निकायों के चुनावों मंे भी उसकी स्थिति अच्छी नहीं रही। नगर निकायों के चुनावों में भाजपा थोड़ा बहुत संतोष कर सकती थी, लेकिन पंचायत चुनावों मंे उसकी स्थिति बहुत ही खराब होकर उभरी है।

वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2012 से ही इस पद पर हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए उनकी बहुत बाहबाही हुई, लेकिन उसके बाद एक के बाद एक हो रही पार्टी की हार के बाद अब उनके सामथ्र्य पर सवाल खड़ा हो गया है।

पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह लखनऊ आये और यहीं आकर अपना जन्मदिन मनाया। उनका यहां आकर जन्मदिन मनाने को विशेष रूप से देखा जा रहा है, क्योंकि वे राजस्थान के राज्यपाल हैं। उन जन्म दिन पर उनके समर्थक प्रदेश भर से यहां आए थे और वे खासा जोश में थे।

उत्तर प्रदेश में संघ परिवार के लोग राम मन्दिर निर्माण के मसले को लगातार गर्म कर रहे हैं। वैसे माहौल में कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश में आना खास मायने रखता है। जब बाबरी मस्जिद को ढहाया गया था, तो उस समय कल्याण सिंह ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उन्हें इसके कारण अपनी सरकार की बर्खास्तगी का सामना करना पड़ा था। बाद में उन्हे सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराते हुए जेल की सजा भी दी थी, जिसे उन्होंने पूरा किया था।

राजनैतिक पर्यवेक्षकों को लगता है कि भारतीय जनता पार्टी एक विश्वसनीय चेहरे के रूप में कल्याण सिंह को फिर उत्तर प्रदेश में अपना चेहरा बना सकती है। इसका कारण यह है कि बाबरी मस्जिद के घ्वंस से उनका नाम जुड़ने के साथ ही वे ओबीसी भी हैं और ओबीसी के वोटों के बिना भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश का चुनाव जीत नहीं सकती। इसलिए कल्याण सिंह ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के एकमात्र ऐसे नेता हैं जो एक साथ ही जातीय और धार्मिक ध्रुवीकरण करा सकते हैं।

अपने लखनऊ प्रवास में कल्याण सिंह ने मन्दिर मुद्दे पर भी अपना मुह खोला और कहा कि राम मन्दिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए और और इस मसले का जल्दी हल निकाला जाना चाहिए।

जब कल्याण सिंह से पूछा गया कि क्या वे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वे अपने राज्यपाल के काम से ही संतुष्ट हैं, लेकिन पार्टी उनको जो भी उम्मीदवारी देगी, उसे संभालेंगे।

केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र भी लखनऊ में कल्याण सिंह को जन्मदिन का मुबारकवाद देने के लिए उपस्थित थे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी कल्याण की राजनैतिक भूमिका का फैसला करेगी।

भाजपा नेताओं का कहना है कि कल्याण सिंह को हिन्दुत्व का नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने के साथ साथ पार्टी उनके कार्यकाल की उपलब्धियों की भी चर्चा करेगी। उनके कार्यकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार नहीं था और उन्होंने अपराधियों को भी शांत कर रखा था। इनका बखान भारतीय जनता पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान कर सकती है। (संवाद)