पहला झटका तो इसे नायरों के संगठन नायर सर्विस सोसायटी से लगा, जिसने इस गठबंधन के साथ यह कहते हुए जाने से इनकार कर दिया कि प्रदेश में किसी तीसरे मोर्चे की जरूरत ही नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी कह रही थी प्रदेश में हिन्दुओं के हितों की रक्षा करने के लिए तीसरे मोर्चे की जरूरत है और इसके कारण ही वह एसएनडीपी और नायर सर्विस सोसायटी को अपने साथ लाना चाह रही थी। नायर सोसायटी ने साफ साफ कहा कि इसके लिए किसी तीसरे मोेर्चे की जरूरत नहीं है।
एसएनडीपी ने एक राजनैतिक पार्टी का गठन किया है जिसका नाम उसने रखा है भारतीय धर्म जन सेना रखा है। उसकी ओर से आ रहे प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायर सर्विस सोसायटी ने कहा कि वह सेकुलरिज्म की अपनी अवधारणा का त्याग नहीं कर सकता।
नायरों ने तीसरे मोर्चे के प्रस्ताव को तो झटका दिया ही, ब्राह्मण सभा की ओर से भी इसे जरूरी समर्थन नहीं मिल रहा है। केरल ब्राह्मण सभा के लोग भी इस मसले पर बंटे हुए हैं।
केरल में ओबीसी की एक प्रमुख जाति थिया भी है। उसे भी तीसरे मोर्चे को मजबूत करने के लिए अपने साथ लेने की कोशिश की गई, लेकिन उसके नेताओं ने कहा कि ऐसी कोई पार्टी या मोर्चा संभव नहीं है, जो सभी हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व कर सके।
तीसरे मोर्चे के प्रयासों को सबसे बड़ा झटका अंटी करप्शन कोर्ट की ओर से लगा है। तिरुअनंतपुरम की उस कोर्ट ने एसएनडीपी के नेता नतेशन के खिलाफ मुकदमा दायर करने के लिए कहा है। माइक्रो फाइनेंस में धोखधड़ी के लिए उनपर आरोप लग रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन ने माइक्रो फाइनेंस में धोखाधड़ी के लिए एसएनडीपी के अध्यक्ष और महासचिव सहित चार लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए याचिका दायर की थी। श्री नतेशन एसएनडीपी के महासचिव हैं। कोर्ट ने वीएस की याचिका स्वीकार कर ली है और पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
निगरानी और भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने 80 लाख रुपये के घोटाले का पता लगाया है। एसएनडीपी ने माइक्रो फाइनेंस के लिए बैकवर्ड क्लासेज डेवलपमेंट बोर्ड से 12 करोड़ 80 लाख रुपये का कर्ज लिया था। कायदे से 5 फीसदी या उससे कम की दर से लोगों को कर्ज दिया जाना था, लेकिन 10 फीसदी से भी ज्यादा दर से कर्ज दिया गया।
वीएस अच्युतानंदन का आरोप है कि काॅर्पोरेशन ने बिना उचित जांच के ही एसएनडीपी यूनियन को कर्ज दे दिया और उसे राशि का इस्तेमाल नतेशन ने सूदखोरी मे किया और लाखों रुपये की रकम बनाई।
यह निर्णय भाजपा के अंदर से एक गुट को भा गया होगा, क्योंकि वह गुट केन्द्र द्वारा नतेशन को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किए जाने का विरोध कर रहा था। अब भारतीय जनता पार्टी के अंदर नतेशन को लेकर भ्रम पैदा हो गया है। एसएनडीपी के साथ तालमेल को लेकर भी भ्रम पैदा हो गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नारा लगाते हैं कि न खाऊंगा और न ही खाने दूंगा। (संवाद)
भारत: केरल
नतेशन के खिलाफ निगरानी विभाग की जांच
भाजपा और एसएनडीपी को झटका
पी श्रीकुमारन - 2016-01-25 11:14
तिरुअनंतपुरमः भारतीय जनता पार्टी और श्री नारायण धर्म परिपालना योगम (एसएनडीपी) के बीच गठबंधन कर एक बड़ी ताकत बनने की योजना को एक के बाद एक झटका लग रहा हैं।