इसका कारण है भोजशाला में चल रहा वर्षों पुराना तनाव। हिन्दुओं का कहना है कि भोजशाला एक मन्दिर है, जिसे राजा भोज ने बनाया था। उनका यह भी कहना है कि यह मन्दिर सरस्वती का था।
दूसरी ओर मुसलमानों का कहना है कि वहां एक मस्जिद है, जिसका नाम कमाल मौला मस्जिद है। वहां नमाज पढ़ना मुसलमान अपना अधिकार समझते हैं।
दोनों के बीच चल रहे विवादों के बीच एक ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत दोनों समुदायों के लोगों को संतुष्ट करने की कोशिश की जाती है। एक दोपहर एक बजे से तीन बजे का समय वहां मुसलमानों के नमाज पढ़ने का होता है और एक बजे के पहले व तीन बजे के बाद वह स्थान हिन्दुओं के लिए उपलब्ध हो जाता है।
मुसलमानों के लिए शुक्रवार की नमाज खास मायने रखती है। इसलिए वे उस दिन तो नमाज वहां करते ही हैं। पर पिछले 2013 में एक समस्या आ गई थी और वही समस्या इस बार भी पैदा हो गई है।
वह समस्या यह है कि 12 फरवरी को वसंत पंचमी है और उस दिन शुक्रवार पड़ता है। अब हिन्दू चाहते हैं कि उस दिन भोजशाला दिनभर उनके लिए उपस्थित रहे और वे वहां सरस्वती पूजा और उसका उत्सव मनाता रहें।
लेकिन दूसरी ओर मुसलमान अपने जुमे की नमाज भोजशाला की उस कमाल मौला मस्जिद में ही अदा करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि 1 बजे से तीन बजे का समय उनके लिए उपलब्ध रहे और उस दो घंटे के दौरान पूजा को रोक दिया जाय और उन्हें शांति पूर्वक नमाज अदा करने दिया जाय।
लेकिन सरस्वती पूजा के आयोजक इसके लिए तैयार नहीं हैं। वे वहां दिन भर पूजा करना चाहते हैं और मांग कर रहे हैं कि उस दिन नमाज पढ़ने वालों को वहां से दूर रखा जाय।
2013 में जब यही समस्या खड़ी हुई थी, तो अदालत ने आदेश दिया था कि सरस्वती पूजा 1 बजे से 3 बजे तक न हो और यह समय नमाज पढ़ने वालों को दिया जाय। लेकिन उस साल प्रशासन अदालत के उस आदेश का पालन नहीं करवा सका। मुसलमानों को नमाज पढ़ने नहीं दिया गया और सरस्वती पूजा करने वाले अपनी जिद पर अड़े रहे।
मुस्लिम नेताओं का कहना है कि प्रशासन ने सादी वर्दी में कुछ पुलिसवालों से नमाज पढ़वा लिया और अदालत के आदेश के अमल की खानापूर्ति कर दी, पर जो वास्तव में वहां नमाज पढ़ना चाहते थे, उन्हें वहां घुसने नहीं दिया गया।
अब मुस्लिम संगठन इस बात की तैयारी कर रहे हैं कि वहां 2013 की पुनरावृत्ति नहीं हो। गत 5 फरवरी के शुक्रवार को वहां जुम्मे की नमाज अदा की गई और उस रोज नमाज पढ़ने वाले मुसलमानों की संख्या हजारों मंे थी। आसपास के इलाकों और गांवों से भारी संख्या में वहां मुसलमान जुटे थे और उन लोगों ने कसम खाई कि 12 फरवरी के शुक्रवार को भी वे वहां नमाज अदा करने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देंगे।
उनके मूड को देखकर और हिन्दू संगठनों की सक्रियता को देखकर धार में 12 फरवरी को कोई अनहोनी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हिन्दू संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन से जुड़े हुए हैं। खुद भारतीय जनता पार्टी के लोग भी भोजशाला में उस दिन नमाज अदा नहीं होने देने की शर्त लगा रहे हैं।
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इसे देखते हुए यही लगता है कि 2013 एक बार फिर दोहराने की कोशिश की जाएगी। लेकिन मुसलमान इस बार उस साल की अपेक्षा ज्यादा तैयार दिखाई पड़ रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि मुसलमान अपनी महिलाओं को उस दिन अपने अपने घरों से निकलकर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कह चुके हैं। जाहिर है, वे किसी भी प्रकार से नमाज पढ़ने के लिए आमादा हैं और इसके लिए वे शक्ति का प्रदर्शन भी कर सकते हैं।
इस बार भी कायदे से अदालत के उसी आदेश के तहत ही पूजा और नमाज होनी चाहिए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में होने के कारण उस पर अनिश्चिय के बादल मंडरा रहे हैं और इसके कारण अनहोनी के होने की आशंका बनी हुई है। (संवाद)
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वसंत पंचमी को धार मे हो सकता है भारी तनाव
एल एस हरदेनिया - 2016-02-10 10:31
भोपालः अगले 12 फरवरी को वसंत पंचमी है। इस दिन हिन्दु सरस्वती पूजा करते हैं और उत्सव मनाते हैं। लेकिन उत्सव का यह दिन मध्यप्रदेश के धार शहर को भारी पड़ सकता है।