पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को भी दलितों के कुछ वोट मिले थे। अब उसकी कोशिश है कि वह दलित मतदाताओं में ज्यादा पैठ बनाए। इसके लिए प्रधानमंत्री भी लगातार कोशिश कर रहे हैं और संघ के कार्यकत्र्ता भी दलितों के बीच समय गुजार रहे हैं।
दलितों को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंबेडकर महासभा के दफ्तर की यात्रा की थी। रविदास जयंति के दिन उनके जन्मस्थल पर बने मंदिर का दर्शन भी प्रधानमंत्री कर चुके हैं। उस रोज उन्होंने वहां लंगर में शामिल होकर भोजन भी किया था।
अरविंद केजरीवाल भी उस दिन रविदास मंदिर में आए थे। केजरीवाल की पार्टी उत्तर प्रदेश में आगामी चुनाव लड़ेगी, इस तरह की कोई चर्चा नहीं है, लेकिन पंजाब चुनाव को ध्यान में रखकर केजरीवाल बनारस की यात्रा पर थे।
इसका कारण यह है कि पंजाब में भी रविदास के अनुयाइयों की संख्या बहुत है और वहां आम आदमी पार्टी सत्ता के लिए एक मजबूत दावेदार है। वहां दलितों में अपनी पैठ बनाने के लिए केजरीवाल बनारस के रविदास मंदिर की यात्रा पर थे।
नरेन्द्र मोदी अंबेडकर विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला की याद करते करते बहुत ही भावुक हो गए थे। वह भी दलित वोटों को ध्यान में रखकर ही कर रहे थे।
कांग्रेस भी बहुत कोशिश कर रही है दलितों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए। गौरतलब है कि एक समय दलित कांग्रेस के ही जनाधार थे, लेकिन बहुजन समाज पार्टी के उदय के साथ कांग्रेस ने वह आधार खो दिया था। पीएल पुनिया कांग्रेस की ओर दलितों को लाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
पिछले 18 फरवरी को राहुल गांधी ने दलितों की एक रैली को संबोधित किया था और उन्होंने कहा था कि दलितों के लिए अब तक सिर्फ कांग्रेस ने ही काम किया है। उन्होंने कांशीराम की भी प्रशंसा की और कहा कि मायावती ने कांशीराम के विचारों से अपने को अलग कर लिया है।
राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने वादा किया कि वे अपनी पार्टी में दलितों को ऊंचा स्थान देंगे।
दलितों का विश्वास हासिल करने के लिए मुलायम सिंह यादव भी कोशिश कर रहे हैं। उनके मुख्यमंत्री बेटे अखिलेश यादव की सरकार ने रविदास जयंती के दिन सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी है।
मायावती अपने दलित आधार को बचाने के लिए और भी आक्रामक हो गई है, हालांकि उन्हें नहीं लगता कि कोई उनके दलित आधार को तोड़ पाएगा।
मायावती ने रोहित वेमुला के मसले को भी जोरदार ढंग से उठाना शुरू कर दिया है। रोहित की आत्महत्या पर वह मोदी सरकार से सवाल कर रही हैं।
संसद में मायावती ने अपना आक्रामक रुख रोहित वेमुला के मसले पर दिखाया। मायावती राहुल गांधी पर भी दलितों को लेकर हमला बोल रही हैं। (संवाद)
उत्तर प्रदेश में दलित वोटों के लिए मारामारी
चुनावों में इनकी भूमिका निर्णायक
प्रदीप कपूर - 2016-03-03 10:45
लखनऊः उत्तर प्रदेश में दलित वोटों के लिए राजनैतिक पार्टियों के बीच घमासान मच गया है। प्रदेश में अनुसूचित जातियों की आबादी कुल आबादी की 20 फीसदी से भी ज्यादा है। चुनावी नतीजे प्रभावित करने मंे उनकी भूमिका सबसे ज्यादा होती है। यही कारण है कि सभी पार्टियां उनके मतों के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा में कर रही हैं।