इसके बदले में केन्द्र की भाजपा सरकार को बीजू जनता दल के सांसदों का समर्थन चाहिए, ताकि वह वहां विधेयकों को पास करवा सके। लोकसभा में तो भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त है, लेकिन राज्यसभा में वह अल्पमत में है और उसे वहीं बीजू जनता दल सहित अन्य विपक्षी दलों का सहयोग चाहिए।

पिछले दिनों जब संसद में रोहित वेमुला, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और कन्हैया कुमार के मसले पर बहस चल रही थी और हंगामा हो रहा था, तो सत्तापक्ष को बीजू जनता दल के सांसदों की तरह से किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई थी।

पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ओडिसा में थे। उन्होंने वहां कहा कि यह साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल में सौदेबाजी हो चुकी है, जिसके तहत चिट फंड घोटाले में बीजू जनता दल के बड़े नेताओं को बचा लिया जाएगा और बदले में बीजू जनता दल संसद में सरकार का समर्थन करेगा।

रमेश ने कहा कि नवीन पटनायक रोगी हैं और सीबीआई आॅक्सीजन सिलिंडर है, जबकि नरेन्द्र मोदी वेंटिलेटर हैं। इसे साबित करते हुए उन्होंने प्रदेश से केन्द्र मे मंत्री बने एक जनजाति नेता के एक बयान का हवाला दिया और कहा कि उनके मुह से गलती से वह बात निकल गई थी।
गौरतलब है कि उस चिट फंड घोटाले से प्रदेश के 20 लाख लोगों को नुकसान हुआ है और उस घोटाले की कुल रकम 50 हजार करोड़ से भी ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 3 लाख करोड़ रुपये का खनिज घोटाला हुआ है और उस घोटाले की जांच अदालत की देखरेख में होनी चाहिए। जस्टिस एमबी शाह ने उस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी, लेकिन मोदी सरकार ने उस सिफारिश पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। मोदी सरकार 18 महीने से भी ज्यादा समय से केन्द्र की सरकार में है, लेकिन अभी तक उसने उस घोटाले की सीबीआई जांच की घोषणा नहीं की है।

रेल बजट में ओडिसा की अनेक मांगें मान ली गई हैं। इसके कारण नवीन पटनायक खुश हैं और रेलमंत्री को धन्यवाद दे रहे हैं, लेकिन पश्चिम ओडिसा के लोग रेल बजट से खुश नहीं हैं, क्योंकि उनकी मांग पूरी नहीं की गई है। गौरतलब हो कि पश्चिमी ओडिसा के लोग अलग महाकौशल प्रदेश की मांग कर रहे हैं। (संवाद)