2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और उस चुनाव को जीतने के लिए प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। प्रदेश के 20 फीसदी से भी ज्यादा मत दलितों के हैं और उनका रुझान चुनावी नतीजों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।

भारतीय जनता पार्टी बहुत ही आक्रामक तरीके से इस बार दलित कार्ड खेल रही है। उसे लगता है कि पिछले लोकसभा चुनावों में उसे दलितों के वोट भी मिले थे। उनके समर्थन को बनाए रखने के लिए वह पूरा जोर लगा रही है।

भारतीय जनता पार्टी पूरे प्रदेश में अनेक कार्यक्रम कर चुकी है और उनके द्वारा वह दलितों तक पहुंचने की लगातार कोशिश कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 24 अप्रैल को आगरा पहुंच रहे हैं। उस दिन वे अंबेडकर महोत्सव में शामिल होंगे। गौरतलब हो कि आगरा को दलितों का गढ़ माना जाता है।

अंबेडकर उत्सव मनाने के क्रम में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टैंड अप इंडिया का उद्धाटन नोएडा से किया। 5 अप्रैल को आयोजित उस उत्सव में भाजपा के 16 दलित सांसद वहां मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि वे दलितों और आदिवासियों के उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और उनमें से उद्यमी पैदा करेंगे। उन्होने कहा कि जो दलित लोगों से नौकरी मांगा करते थे, उनमें से अनेक खुद दूसरे को नौकरी देने की स्थिति में होंगे।

भारतीय जनता पार्टी द्वारा दलित मतदाताओं के लिए चलाए जा रहे अभियान को मायावती ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है। इसके बावजूद वे अंबेडकर जन्मोत्सव की तैयारियों की देखरेख के लिए लखनऊ में जमी हुई हैं।

बहुजन समाज पार्टी लखनऊ में अंबेडकर जयंती के दिन एक बड़ी सभा का आयोजन कर रही है और उसमें लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मायावती चाहती हैं कि लखनऊ की अबतक की सबसे बड़ी रैली है।

कांग्रेस भी दलितों में अपनी पैठ बढ़ाने की जबर्दस्त कोशिश कर रही है। पहले दलित मतदाता उसके साथ ही हुआ करते थे, लेकिन 1990 के मंडल विरोधी आंदोलन के बाद दलितों ने उनका साथ छोड़ दिया है और अब वे ज्यादातर मायावती के साथ हैं। कांग्रेस फिर उन्हें अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लखनऊ में एक दलित सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि वे जमीनी स्तर से पार्टी में दलितों का नेतृत्व खड़ा करेंगे।

सांसद पी एल पुनिया उत्तर प्रदेश में पार्टी का दलित चेहरा बनकर उभरे हैं। उन्होंने भीम ज्योति यात्रा को हरी झंडी दिखाई। वह यात्रा प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगी।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अंबेडकर जयंती मनाने में किसी से पीछे नहीं दिखना चाहते हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अंबेडकर जयंती मनाने का आदेश जारी किया है और उसके लिए अलग से कोष भी उपलब्ध कराया है। (संवाद)