महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में कमतर है। यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत की मांग लगातार हो रही है। ग्रामीण इलाकों में बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े विशेषज्ञों की बड़ी संख्या में कमी है। ऐसे में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक अति आधुनिक नई तकनीक से लैस सरकारी अस्पताल का खुलना कई मायने में महत्वपूर्ण है। सिंहस्थ के विकास कार्यों की बजट से उज्जैन में 450 बिस्तरों वाले शासकीय मातृ शिशु अस्पताल का निर्माण किया गया है, जिसमें से 250 बेड महिलाओं के लिए और 200 बेड बच्चों के लिए रखा गया है। यह अस्पताल मध्यप्रदेश में मौजूद किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल से कई गुना ज्यादा बेहतर है। अस्पताल का उद्घाटन करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने इसे वेदांता से भी बेहतर बताया। यह अस्पताल न केवल उज्जैन या मालवा क्षेत्र बल्कि पूरे राज्य के लिए सौगात है।
स्वास्थ्य विभाग की जरूरत की जरूरत के मुताबिक मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विभाग ने 93 करोड़ रुपए की लागत से 7 मंजिला अस्पताल भवन का निर्माण किया है। सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए महज डेढ़ साल में बनकर तैयार इस अस्पताल भवन में स्वास्थ्य विभाग की हर जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। अस्पताल के सिविल सर्जन डी.पी. सिंह गहरवार कहते हैं कि मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विभाग ने स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय करते हुए लगातार मोडिफाई कर इसे प्रदेश के एकमात्र ऐसे अस्पताल के रूप में निर्माण किया है, जो अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो और जहां साधारण से लेकर जटिल बीमारियों का इलाज और आॅपरेशन हो सके।
गृह निर्माण विभाग के उप आयुक्त शैलेन्द्र वर्मा कहते हैं कि चरक भवन को सुरक्षित रखने के लिए यहां अति आधुनिक फायर फाईटिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अस्पताल के सभी मंजिलों पर 100-100 ऐसे सेंसर लगाए गए हैं, जहां 50 डिग्री से अधिक तापमान होने पर खुद ही वहां स्प्रिंकलर से पानी की फुहार निकलने लगेगी। अस्पताल में 10 लिफ्ट लगाए गए हैं, जिसमें से कई पावर बंद होने पर भी इमरजेंसी के रूप में कार्य करेंगी। इसमें दो लिफ्ट सीधे आॅपरेशन थियेटर वाले क्षेत्र में जाते हैं, जिसकी वजह से इमरजेंसी में तुरंत राहत पहुंचाई जा सकती है।
अस्पताल में 5 अति आधुनिक आॅपरेशन थियेटर हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय मानक के हैं। इसमें एक आॅपरेशन थियेटर सेप्टिक है, जहां अति गंभीर मामलों का आॅपरेशन किया जाएगा। यहां कई आॅटोमोटेड मशीनें लगाई गई हैं, जो मेडिको फ्रेंडली हैं। सामान्य प्रसव के दरम्यान किसी खतरे की स्थिति में वहां से सीधे आॅपरेशन थियेटर में शिफ्ट करने के लिए अंदरुनी गेट बने हुए हैं। महिलाओं एवं बच्चों के इलाज से जुड़े कई वार्ड इस अस्पताल में बनाए गए हैं, जहां 24 घंटे विभिन्न मेडिकल गैसों की सप्लाई की जाएगी। इसके लिए परिसर में ही गैस प्लांट लगाया गया है। पूरे अस्पताल भवन को कूल रखने के लिए केंद्रीयकृत एसी प्लांट लगाया गया है। यहां मेडिकल कचरे के निष्पादन के लिए भी वेस्ट डिस्पोजल एवं ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। 24 घंटे आर ओ पानी के लिए आरओ वाटर सप्लाई सिस्टम और गर्म पानी सप्लाई के लिए सोलर वाटर हीटिंग सिस्टम की व्यवस्था अस्पताल में की गई है।
सिंहस्थ के बहाने निर्मित आधुनिक तकनीक से लैस यह अस्पताल मध्यप्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा और प्रदेष के अन्य संभागों के लिए अनुकरणीय बन सकता है। ( संवाद )
सिंहस्थ में उज्जैन को मिला अस्पताल की सौगात
महिलाओं व बच्चों के लिए उज्जैन में बना अति आधुनिक अस्पताल
राजु कुमार - 2016-05-13 10:35
मध्यप्रदेश के उज्जैन में हो रहे सिंहस्थ कुंभ के बहाने प्रदेश को बच्चों एवं महिलाओं के लिए एक बड़े उच्च तकनीक वाले अति आधुनिक अस्पताल की सौगात मिली है। यह अस्पताल नई तकनीक से लैस है, जो गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज उपलब्ध कराने में सक्षम होगा। सिंहस्थ में कई निर्माण कार्य किए गए हैं, उनमें से यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। अस्पताल भवन का नाम ‘‘चरक भवन’’ रखा गया है।