विजयन सरकार ने शुरुआत के साथ ही जो अच्छे निर्णय लेने शुरु किए हैं, उसके कारण लोग इसकी प्रशंसा कर रहे हैं। यह सरकार लोगों के लिए कुछ करना चाहती है, इसका पता इसके द्वारा लिए गए कुछ निर्णयों से लगता है।
सीपीएम के वरिष्ठतम नेता वीएस अच्युतानंदन की इच्छा के अनुरुप सबसे पहली प्राथमिकता कीमतों को बढ़ने से रोकने को दी गई है। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार ने सिविल सप्लाई काॅर्पोरेशन को दी जाने वाली रकम दुगनी कर दी है। पहले यह रकम 76 करोड़ रुपाये थी, जो बढ़ाकर 150 करोड़ रुपये कर दी गई है।
सरकार ने रकम बढ़ाने के साथ साथ यह घोषणा भी की है कि जरूरत पड़ने पर काॅर्पोरेशन को और भी रकम उपलब्ध कराई जाएगी। सार्वजनिक वितरण प्रणाली इसी काॅर्पोरेशन के तहत आती है और इस प्रणाली को नया रूप देने की कोशिश की जा रही है।
अच्युतानंदन चाहते थे कि नई सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए सरकार अभी से सक्रिय हो गई है। चुनाव प्रचार के दौर में ही एक दलित लड़की के साथ बलात्कार हुआ था और उसकी हत्या भी कर दी गई थी। उस अपराध की जांच के लिए जांच की समिति का पुनर्गठन कर दिया गया है। दलित लड़की जिशा की मां के लिए अगले 45 दिनों के अंदर ही मकान बनवा कर देने की घोषणा कर दी गई है। जिशा की बहन के लिए सरकारी नौकरी का प्रबंध भी किया जा रहा है। मां को प्रति महीने 5 हजार रुपये का पेंशन दिया जाएगा।
इसके अलावा कल्याण पेंशन को बढ़ाकर एक हजार रुपये कर दिया गया है। पेंशन की हजारों करोड़ की रकम सरकार पर बकाया हो गई है और उस रकम की शीध्र अदायगी की घोषणा नई सरकार ने कर दी है। सरकार के इन निर्णयों की सराहना सरकारी पार्टियों के लोग ही नहीं, बल्कि विपक्ष भी कर रहा है। सरकार के इन कदमों को देखते हुए अच्युतानंदन ने कहा है कि इस सरकार की शुरुआत बहुत ही शानदार रही है।
विजयन और अच्युतानंदन के बीच की प्रतिद्वंद्विता मशहूर रही है। इसके कारण संशयवादी कहा करते थे कि नये मुख्यमंत्री के लिए सरकार चलाना आसान नहीं होगा, लेकिन नये मुख्यमंत्री ने अच्युतानंदन के मन के माफिक सरकार चलाकर किसी तरह के तनाव की संभावना को समाप्त कर दिया है और स्पष्ट कर दिया है कि दोनों के बीच अब दोस्ती का दौर शुरू हो गया है। दोनों की नजदीकी बढ़ने के कारण सीपीएम की ताकत में और इजाफा होने की संभावना है और इससे एलडीएफ भी मजबूत होगा।
सरकार ने शुरुआत तो अच्छी की है, लेकिन उसके सामने चुनौतियां कोई छोटी मोटी नहीं है। सच कहा जाय, तो उसके सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। सबसे बड़ी चुनौती तो अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर है। सरकारी खजाना लगभग खाली है। पिछली सरकार की अनुशासनहीनता को नतीजा सामने दिखाई दे रहा है। (संवाद)
विजयन सरकार ने की शानदार शुरुआत
लेकिन आगे चुनौतियां कठिन हैं
पी श्रीकुमारन - 2016-05-28 10:56
तिरुअनंतपुरमः पिनरायी विजयन के नेतृत्च वाली वाम लोकतांत्रिक गठबंधन (एलडीएफ) की सरकार ने शानदार शुरुआत की है। इससे प्रदेश भर में एक नई उम्मीद का संचार हुआ है और लोगों को लगने लगा है कि यह जनता के प्रति मित्रभाव रखने वाली सरकार है।