राज्य के मुख्यमंत्रियों और केन्द्र सरकार में अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को लिखे अलग-अलग पत्रों में श्री वासनिक ने इस संधिपत्र के अनुच्छेद 9 की तरफ उनका ध्यान खींचा है। यह अनुच्छेद "पहुंच" के संबंध में शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों के अधिकारों से संबंधित है। यह अनुच्छेद इस बात पर जोर देता है कि स्कूलों समेत सभी भवनों, आवास, चिकित्सा सुविधाओं, कार्य स्थानों और सूचना, संचार तथा अन्य सेवाओं में अन्य लोगों के साथ ऐसे लोगों को समान आधार पर पहुंच प्राप्त होगी।
इस बात को याद करते हुए कि इस संधि में भारत भी एक हिस्सेदार है इसलिए इन प्रावधानों को पालन करने की इसकी अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है, श्री वासनिक ने अपने पत्र में मुख्यमंत्रियों और केन्द्रीय मंत्रियों से अनुरोध किया है कि वे 2010-11 के भीतर राज्य और केन्द्र सरकारों और उनके सहयोगी कार्यालयों के सभी भवनों और वेबसाइटों को ऐसे लोगों की पहुंच के लायक बनाएं
श्री वासनिक ने अपने पत्र में यह सुझाव दिया है कि उपरोक्त प्रावधानों को लागू करने के लिए और देशभर के सभी संगठनों के तहत सभी वेबसाइटों को शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों की पहुंच में लाने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना बनाई जा सकती है। इस संबंध में किसी प्रकार के तकनीकी मदद के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र से संपर्क किया जा सकता है।
मंत्री महोदय ने यह भी सूचित किया कि केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय पुरस्कारों की एक नयी श्रेणी बनाई है जो प्रत्येक वर्ष विश्व विकलांग दिवस पर दिए जाते हैं। इसके तहत सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र में सर्वोत्तम "पहुंच क्षमता" वाली वेबसाइट को एक-एक पुरस्कार प्रदान करेगी।#
केन्द्रीय मंत्रियों और मुख्य मंत्रियों को पत्र
सरकारी भवनों और वेबसाइटों को 2010-11 तक शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों की पहुंच के लायक बनायें
विशेष संवाददाता - 2010-02-09 19:14
नई दिल्ली: सामाजिक न्याय एवं सशक्त्तीकरण मंत्री श्री मुकुल वासनिक ने राज्य के मुख्यमंत्रियों और सभी केन्द्रीय मंत्रियों से अनुरोध किया है कि वे शारीरिक रूप से असमर्थ लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र संधिपत्र के प्रावधान से संबंधित "पहुंच की क्षमता" को विशेष प्राथमिकता से और समयबद्ध तरीके से लागू करें।