इस तरह की अटकलबाजी आज राजनैतिक हलकों में चल रही है। इसका कारण है कि पूर्व वित्तमंत्री और मणि कांग्रेस के अध्यक्ष के एम मणि और अन्य नेताआंे द्वारा जारी किए जा रहे बयान।
केरल कांग्रेस (मणि) के नेताओं में कांग्रेस के खिलाफ बयान देने की बौखलाहट अनायास नहीं है। वे पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और पूर्व गृहमंत्री रमेश चेनिंथाला द्वारा एक सगाई समारोह में हिस्सा लेने से नाराज हैं।

वह सगाई समारोह था होटल मालिक बीजू रमेश की बेटी और पूर्व राजस्व मंत्री कांग्रेस नेता अदूर प्रकाश के बेटे का।

उस सगाई समारोह में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के शामिल होने पर अपनी नाराजगी जताने वाले सबसे पहले नेता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुधीरन थे। उन्होंने कहा था कि रमेश बाबू के उस समारोह में चांडी और चेनिंथाला को नहीं शरीक होना चाहिए था।

उन्होंने दोनो को याद दिलाया कि रमेश बाबू के कारण ही ओमन चांडी की सरकार को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा था। बार घूसखोरी कांड में रमेश बाबू के कारण ही तब के वित्तमंत्री के एम मणि पर घूसखोरी का आरोप लगा था। उस आरोप के कारण ही मणि को वित्तमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।

सुधीरन के उस बयान के बाद मणि कांग्रेस के नेता सक्रिय हो गए और उन्होंने चांडी और चेनिंथाला पर हमला बोलना शुरू कर दिया। हमला बोलने वालों में सबसे पहले सामने आए मणि कांग्रेस के महासचिव जे पुत्तुसेरी।

केरल कांग्रेस (मणि) के युवा मोर्चे के अध्यक्ष साजी ने तो सोनिया गांधी को ही एक पत्र लिख डाला, जिसमें समारोह में शामिल होने के कारणों की जांच की मांग कर डाली। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि चेनिंथाला के उस समारोह में जाने से यह स्पष्ट हो गया है कि उनके खिलाफ लगाया जा रहा साजिश करने का आरोप सही था। युवा मोर्चा के अध्यक्षे ने सोनिया को लिखी चिट्ठी मे कहा है कि जब मणि वित्तमंत्री थे, तो उनके खिलाफ साजिश करने वालों में मुख्य भूमिका चेनिंथाला और अदूर प्रकाश निभा रहे थे।

मणि खुद इस प्रकार की बयानबाजी में शामिल हो गए हैं। उनका कहना है कि उस समय उनके खिलाफ वह साजिश इसलिए की गई ताकि उन्हें यूडीएफ में बने रहने के लिए मजबूर किया जा सके। गौरतलब हो कि उस समय कांग्रेस नेताओं को यह डर सता रहा था कि कहीं मणि वाम दलों के समर्थन से प्रदेश का मुख्यमंत्री न बन जाएं। मणि ने कहा कि इस संभावना को समाप्त करने के लिए ही कांग्रेस के नेताओं ने उनके खिलाफ वह साजिश की थी।

सोनिया को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि प्रदेश के एक अनुभवी नेता रहे हैं। प्रदेश के लोगों की उस समय मांग थी कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाय। उसी माहौल में सीपीएम ने अपने एक कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था। वह कार्यक्रम केरल की अर्थव्यवस्था को लेकर था।

उसके कारण कांग्रेस खेमे में हताशा का माहौल व्याप्त हो गया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को खतरा होने लगा कि कहीं उनकी सरकार का पतन न हो जाय और उसके कारण ही उन लोगों ने मणि के खिलाफ साजिश रची और उन्हें बार घूस कांड में फंसाया।

इस बीच अटकलबाजी शुरू हो गई है कि मणि कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ सकते हैं। मणि कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि कांग्रेस अब समाप्त हो रही है और उसका कोई भविष्य नहीं है। इसलिए उसके साथ बने रहने का कोई मतलब नहीं है। (संवाद)