उत्तर प्रदेश में एक महत्वपूर्ण राजनैतिक घटना प्रियंका गांधी का चुनाव प्रचार में भारी पैमाने पर उतरना है। कहा जाता है कि उनमें करिश्मा है और इन्दिरा गांधी की झलक उनमें दिखाई देती है। इसमें कोई शक नहीं कि उनमें वोट पाने की क्षमता है और उनके कारण कांग्रेस को कुछ ज्यादा सीटें मिल सकती हैं।

पंजाब का चुनाव भी उत्तर प्रदेश के साथ साथ ही होगा। नवजोत सिंह सिद्धू के भारतीय जनता पार्टी छोड़ने से पार्टी को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। जब उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव में अमृतसर का टिकट नहीं दिया गया था, तो उसी समय से पार्टी से उनका मोह भंग होना शुरू हो गया था। उनका टिकट काटकर अरुण जेटली को वहां से लड़ा दिया गया था और जेटली वहां से चुनाव हार गए थे। उनको शांत करने के लिए उन्हें राज्यसभा में नामांकित कर दिया गया। उन्होंने पहले तो नामांकन स्वीकार कर लिया, लेकिन बाद में वहां से भी इस्तीफा दे दिया। नवजोत सिंह सिद्धू शिरोमणि अकाली दल के नेताओं से बहुत नाराज रहते हैं और वे चाहते थे कि भारतीय जनता पार्टी उससे पंजाब मे संबंध तोड़ ले, लेकिन पार्टी इसके लिए तैयार नहीं हुई।

अब सिद्धू के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की बात चल रही है। यह भी कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी उन्हें अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी बना सकती है। सिद्धू के रूप में भारतीय जनता पार्टी के पास एक स्वच्छ छवि का जाट सिख नेता था। वे बहुत अच्छा भाषण करते हैं। लेकिन अब वे भाजपा के हाथ से निकल चुके हैं।

इसमें दो मत नहीं कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अपनी एक अच्छी जगह बना ली है। वहां उसे बहुमत भी आ सकता है और दिल्ली के बाद पंजाब ऐसा दूसरा राज्य होगा, जहां आम आदमी पार्टी की सरकार होगी। सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी के अलावा आम आदमी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी जो अपना विस्तार कर रही है। कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का पतन हो रहा है और क्षेत्रीय पार्टिंयां अपने अपने क्षेत्रों तक ही सीमित हैं। यदि आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब में बन जाती है, तो आम आदमी पार्टी सबसे तेजी से विकास करने वाली पार्टी बन जाएगी।

पंजाब के बार आम आदमी पार्टी कहां सफल हो सकती है, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। वैसे गोवा का चुनाव भी यह पार्टी गंभीरता से लड़ रही है। जहां जहां कांग्रेस का पतन हो रहा है और भारतीय जनता पार्टी उसके पतन का फायदा उठा सकती है, आम आदमी पार्टी अपने पैर वहां फैला रही है।

कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी से भारतीय जनता पार्टी को लाभ हो सकता है, क्योंकि वह गुजरात जैसे राज्यों मंे भाजपा विरोधी वोटांे का ही विभाजन करेगी। भाजपा को लाभ हो या हानि, लेकिन इतना तो तय है कि जहां जहां आम आदमी पार्टी जाएगी, वहां वहां कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। (संवाद)