लेकिन यह घटना एक सिलसिले की ताजा कड़ी के रूप में देखी जा रही है। दो तीन दिन पहले ही महरौली के विधायक नरेश यादव को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके पहले संगम विहार के विधायक मोहनिया को भी गिरफ्तार किया गया। मोहनिया को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वे एक प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्हें अपना संबोधन समाप्त करने का मौका भी नहीं दिया गया था।
विधायकों की गिरफ्तारी के श्रंृखला में ओखला के आप विधायक की गिरफ्तारी भी शामिल है।
विधायकों पर चलाए जा रहे मामलो को देखा जाय, तो एक विचित्र संयोग दिखाई देता है। लगभग सभी विधायकों पर एक ही तरह के मामले दर्ज किए गए हैं। और वे मामले हैं महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने का। शिकायतों में कहा गया है कि जब वे महिलाएं अपनी समस्या लेकर विधायकों के पास गईं, विधायकों और उनके लोगों ने उनके साथ छेड़छाड़ कर दी।
महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं होती हैं। विधायक और उनके लोग भी छेड़छाड़ कर सकते हैं। लेकिन यह देखकर आश्चर्य होता है कि क्या आम आदमी पार्टी के इतने सारे विधायक छेड़छाड़ कर सकते हैं।
छेड़छाड़ के मुकदमे पर फैसला तो अदालत देगी, लेकिन एक के बाद एक आम आदमी पार्टी के विधायकों पर एक ही तरह के मुकदमे चलाए जाने और पुलिस द्वारा तेजी से कार्रवाई किए जाने से यह शक पैदा हो जाता है कि कहीं इनमें से अधिकाश मामले फर्जी तो नहीं हैं।
आम आदमी पार्टी के विधायक और अन्य नेता ऐसा ही कह रहे हैं। उनका आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता महिलाओं से उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दायर कर रहे हैं और केन्द्र की भाजपा सरकार के इशारे पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
नरेश यादव के खिलाफ तो मुकदमा पंजाब में किया गया, हालांकि उनके खिलाफ किसी महिला के साथ छेड़छाड़ का मुकदमा नहीं है, बल्कि एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मुकदमा है।
पुलिसिया कार्रवाई के बाद अब आयकर विभाग ने मोर्चा संभाल रखा है और छतरपुर के आप विधायक के ठिकानों पर छापेमारी की है। इस तरह की कार्रवाई अन्य धनी आम आदमी पार्टी के विधायकों पर भी की जा सकती है।
आखिर आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ केन्द्र की सरकार इतनी सक्रिय क्यों है? भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए एक बड़े आंदोलन के कारण भाजपा सत्ता में आई है, लेकिन जिन लोगों के भ्रष्टाचार के कारण वह सत्ता में आई है, उनके खिलाफ केन्द्र सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, बल्कि आम आदमी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। यहा यह उल्लेख करना गलत नहीं होगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के मुख्य नेताओं मंे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी थे।
आम आदमी पार्टी पंजाब में चुनाव लड़ रही है और जमीनी स्तर पर वहां उसकी स्थिति अच्छी दिखाई दे रही है। क्या पंजाब में आम आदमी पार्टी की छवि खराब करने के लिए दिल्ली के उसके विधायको के खिलाफ ये कार्रवाइयां हो रही हैं? ये सवाल दिल्ली के लोग एक दूसरे से पूछ रहे हैं।
यदि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बन जाती है, तो निश्चय ही अरविंद केजरीवाल 2019 में प्रधानमंत्री पद के एक प्रबल उम्मीदवार बन जाएंगे। तो क्या आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियों की सक्रियता के पीछे का कारण यही है।? कारण जो भी रहा हो, एक साथ इतने सारे विधायकों के खिलाफ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के दर्ज मुकदमें इन मुकदमों को संदिग्ध बना देते हैं। (संवाद)
आप विधायकों पर केन्द्र की टेढ़ी नजर
अब आयकर विभाग भी उनके खिलाफ सक्रिय
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-07-28 01:39
नई दिल्लीः दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इसकी नई कड़ी के रूप में दिल्ली के छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक करतार सिंह पर आयकर का छापा पड़ा है। विधायकों और सांसदों पर आयकर के छापे पड़ने की कोई यह पहली घटना नहीं है, हालांकि इस तरह की घटना बहुत ही कम होती है।