सम्मेलन में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के क्षेत्र में देश का आदर्श राज्य बनने की पूरी संभावना मध्यप्रदेश को है। उन्होंने कहा कि जब तक छोटे उद्योगों का विकास नहीं होगा देश का तेज विकास नहीं हो सकता। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने सूक्ष्म और लघु उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने मध्यप्रदेश द्वारा सूक्ष्म एवं लघु दोनों के लिए अलग से विभाग गठित करने के लिए मुख्यमंत्री की तारीफ की। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की स्टार्ट अप नीति का विमोचन किया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश अपनी स्वयं की स्टार्ट अप नीति लागू करने वाला पहला राज्य बन गया। सम्मेलन में 2000 उद्यमियों ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये कई घोषणाएं की। अब एमएसएमई इकाइयों की स्थापना के लिए दी गई सुविधाएं और सहायता को लोक सेवा प्रदाय गारंटी अधिनियम में शामिल किया जाएगा। इससे पूंजी अनुदान, वेट प्रतिपूर्ति एवं प्रवेश कर छूट संबंधी कार्रवाई एक माह की समय-सीमा में पूरी करनी होगी। इसके अलावा अन्य अनुमतियों को भी इस अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने एमएसएमई इकाइयों को दी गई भूमि के क्षेत्रफल एवं मूल्य में दी जा रही छूट के स्लेब में परिवर्तन कर भूमि के मूल्य पर अधिकतम छूट बढ़ाकर 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत करने की घोषणा की। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग इकाइयों को मार्गदर्शन एवं सहायता देने के लिए एमएसएमई फेसिटिलेशन सेल का गठन किया जाएगा।
विश्व बैंक के सहयोग से देश में 15 नए टेक्नालॉजी सेंटर शुरू किए जाने वाले हैं। इनमें से एक भोपाल के अचारपुरा में 125 करोड़ रूपये की लागत से शुरू होगा। इसमें प्रति वर्ष 8000 उद्यमियों को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए शहर में 25 प्रतिशत और गांव में 35 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। सम्मेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह और हरीभाई पारथीभाई चैधरी भी शामिल हुए। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री संजय सत्येन्द्र पाठक ने कहा कि राज्य सरकार मध्यप्रदेश को उद्योग मित्र राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमी को हर प्रकार का सहयोग दिया जाएगा।
सम्मेलन में में बताया गया कि पूर्व के एम.एस.एम.ई. सम्मेलनों में की गई सभी घोषणाओं को पूरा किया गया है। ग्लोबल इंवेस्टर्स समीट 2012 एवं ग्लोबल इंवेस्टर्स समीट 2014 में की गई घोषणाओं के अनुसार क्रेडिट गारंटी, वेंडर डेव्हलपमेंट, स्व-रोजगार, भूमि आवंटन, टेक्सटाईल नीति, ब्याज अनुदान, रिवर्स बायर्स-सेलर्स मीट, स्व-प्रमाणीकरण, पिछड़े विकासखंडों को प्राथमिकता, प्रदूषण संबंधी अनुमतियों का सरलीकरण, अपात्र उद्योगों की सूची में कटौती, लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड का गठन, सरलीकृत उद्योग आधार मेमोरेंडम, वेंडर इंसेंटिव, हरित औद्योगीकरण पर अनुदान, औद्योगिक क्षेत्रों में एमएसएमई के लिए न्यूनतम 20 प्रतिशत भूमि का आरक्षण, वेंचर केपिटल फंड की स्थापना, लघु उद्यमियों को व्यापार के लिए विदेश भ्रमण और लैंड बैंक की स्थापना आदि को पूरा किया गया है।
सम्मेलन में कई युवा उद्यमियों ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह से लघु एवं मध्यम उद्योगों की बदौलत वे प्रदेश में रोजगार एवं पूंजी का सृजन करने में सफल हुए हैं। यद्यपि आर्थिक विकास के इस दौर में अभी भी प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग पीछे हैं लेकिन प्रदेश में कृषि के बाद यह क्षेत्र संभावनाओं से भरा है। ऐसे में आने वाले वर्षों में यह देखना होगा कि किस तरह से प्रदेश में बिना किसी समस्या के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विकसित हो रहे हैं। (संवाद)
मध्यप्रदेश में लघु उद्यमियों को बढ़ावा
आर्थिक विकास के लिए छोटे उद्योग महत्वपूर्ण
राजु कुमार - 2016-10-03 17:53
मध्यप्रदेश में पिछली बार हुए ग्लोबल इंवेस्टर्स समीट में पहले दिन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम पर चर्चा की गई थी। उस दरम्यान प्रदेश के छोटे उद्यमियों ने अपनी समस्याओं का पिटारा सरकार के आगे खोल दिया था। समस्याओं से जूझते लघु उद्यमियों को सरकार ने आश्वासन दिया था कि उनकी समस्याओं का जल्द ही समाधान किया जाएगा और उनके लिए प्रदेश में अनुकूल वातावरण बनाया जाएगा। दो साल बाद फिर प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समीट होने वाला है। सरकार यह बता पाने में अभी समर्थ नहीं है कि पूर्व के इंवेस्टर्स समीट का कितना फायदा प्रदेश में हुआ, लेकिन सरकार को यह महसूस हुआ कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की संभावनाएं ज्यादा है। इन्हीं कारणों से इस बाद ग्लोबल इंवेस्टर्स समीट से पूर्व मध्यप्रदेश में दो दिवसीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम का सम्मेलन भोपाल में किया गया।