बंगलुरु की एक अदालत ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के खिलाफ फैसला दिया है। उन्होंने चांडी सहित छह अभियुक्तों को आदेश दिया है कि बंगलुरु के एक व्यापारी एम के कुरुविला को वे एक करोड़ 60 लाख रुपये का भुगतान करें। अदालत के इस फैसले का केरल की कांग्रेस की गुटबाजी पर असर पड़ने लगा है।
अपने पटिशन मे कुरुविला ने आरोप लगाया था कि उन्होंने कुछ लोगों को एक करोड़ 30 लाख रुपये रिश्वत में दिए थे और उन लोगों ने वायदा किया था कि उन्हें केरल में सोलर पावर लगाने में ठेका मिलेगा। जिन लोगांें को पैसे दिए गए थे, उनमें चांडी का एक करीबी रिश्तेदार भी था। उन लोगों को पैसे चांडी द्वारा सोलर पैनल का ठेका मिलने के आश्वासन के बाद ही दिए गए थे।
अदालत ने आवेदनकत्र्ता की बात मान ली है और जिन लोगों को पैसे वापस करने का आदेश दिया गया है, उनमें केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी भी शामिल हैं। गौरतलब हो कि चांडी रिश्वतखोरी के समय केरल के मुख्यमंत्री थे।
आदलत के इस फैसले के बाद कांग्रेस की गुटबाजी साफ तौर पर सामने आ रही है। इस अदालत के फैसले पर रमेश चेनिंथाला गुट ने चुप्पी साध रखी है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुधीरन भी चुप हैं। सिर्फ ओमन गुट के लोग इस फैसले से असहमति जता रहे हैं और कह रहे हैं कि इसके खिलाफ ऊपर की अदालत में अपील याचिका दाखिल की जाएगी।
दूसरी तरफ सीपीएम के नेता वीएस अच्युतानंदन ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि चांडी को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए और सार्वजनिक जीवन से अपने आपको अलग कर लेना चाहिए।
पर सीपीएम ने आधिकारिक तौर पर अच्युतानंदन की मांग से सहमति नहीं जताई है। प्रदेश सीपीएम के सचिव के बालाकृष्णन ने सिर्फ इतना कहा है कि अदालत के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि सोलर पैनल घोटाले को लेकर उसने जो कहा था, वह सच था।
चांडी का कहना है कि अदालत का फैसला एकतरफा है और उसने उनकी बात पर ध्यान ही नहीं दिया। बालाकृष्णन का कहना है कि लोग चांडी की इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी पहले आदेश को पूरी तरह पढ़ेगी और उसके बाद वह तय करेगी कि उसपर क्या कार्रवाई की जाय।
सत्तारूढ़ मोर्चे के एक मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा था। उस मंत्री को सरकार से हटाया भी जा चुका है। उसके बावजूद कांग्रेस उस मुद्दे पर आंदोलित थी और सत्तारूढ मोर्चे को कठघरे मे खड़ा कर रही थी। अब चांडी का यह मामला आ जाने के बाद कांग्रेस का आंदोलन मंद पड़ गया है।
सोलर घोटाले से जुड़ी सरिता नायर ने इस फैसले के बाद कहा है कि उनकी बात सही साबित हो गई है। वह पहले ही कह रही थी कि चांडी की सरकार के कार्यकाल में पुलिस सोलर घोटाले के रिश्वतखोरों के खिलाफ कार्रवाई कर ही नहीं सकती थी।
अदालत के इस आदेश के बाद कांग्रेस के अंदर चांडी की स्थिति भी कमजोर हो गई है। वे पार्टी के अंदर अपनी स्थिति को मजबूत करने की लगातार कोशिश कर रहे थे। अब उनकी कोशिशों पर पानी फिरता दिखाई पड़ रहा है। (संवाद)
बंगलुरु अदालत ने दिया चांडी को झटका
केरल कीं कांग्रेस में मचा हाहाकार
पी श्रीकुमारन - 2016-10-27 11:10
तिरुअनंतपुरमः सीपीएम के बाद अब कांग्रेस की बारी है। अब कांग्रेस केरल में एक तूफान का सामना कर रही है।