मुगल गार्डन में रंग-बिरंगे गुलाब, कुमुद, ट्यूलिप, दोहर बनफशा के फूल और आंखों को लुभाने वाले हरे-भरे लॉन में कमल के आकार वाले झरने और नीले पानी वाली नहर की छटा देखते ही बनती है । इस वर्ष का विशेष आकर्षण होगा कैक्टस कॉर्नर और बोनसाई उद्यान। बोनसाई (बौने पौधे) और कई प्रकार के कैक्टस (नागफनी) के पौधे इस वर्ष राष्ट्रपति भवन की सुंदरता में चार चांद लगा देंगे ।

विशेष रूप से दिखाए जाने वाले बोनसाई पौधों का दर्शक लुत्फ उठा सकेंगे । बागों में घूमते हुए दर्शक यह महसूस कर सकेंगे कि जीव जंतुओं को आकर्षित करने वाले हरे-भरे पर्यावरण और तालाब किस प्रकार पर्यावरण हितकारी वातावरण में अपना योगदान करते हैं ।

मुगल गार्डन, राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन से सटा हुआ है और 15 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है । इसका डिजाइन सर एडविन लुटयेन्स ने तैयार किया था जिनको इसकी प्रेरणा जम्मू-कश्मीर के सुंदर बागों , ताजमहल के पास के बागों और फारसी और भारतीय लघु चित्रों से मिली थी ।