और मोदी सरकार के उस निर्णय ने भारतीय जनता पार्टी के पैरों के नीचे से जमीन खिसकाना शुरू कर दिया है। वह लोगों के गुस्से का शिकार हो रही है, क्योंकि के्रन्द्र्र की भाजपा सरकार के इस निर्णय ने उनकी परेशानियों को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है।
केरल के दो विरोधी इस मुद्दे पर एक साथ आ रहे हैं, इससे भाजपा की चिंता और भी बढ़ गई है। यूडीएफ ने घोषणा कर दी है कि इस मसले पर एलडीएफ द्वारा छेड़े गए किसी भी आंदोलन मे वे उनक साथ भागीदारी करने के लिए तैयार हैं।
भारतीय जनता पार्टी भी स्तब्ध है। वह देख रही है कि प्रदेश भर में लोग सरकार के इस निर्णय के खिलाफ जहां तहां आंदोलन कर रहे हैं और उसमें एक दूसरे के राजनैतिक विरोधी भी आपस में कंधे से कंधा मिला रहे हैं।
सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही प्रदेश में एक मात्र ऐसी पार्टी है, जो केन्द्र सरकार के निर्णय का विरोध नहीं कर रही है, जबकि अन्य सभी पार्टियां धरना प्रदर्शन में लगी हुई हैं।
मुख्यमंत्री पी विजयन के नेतृत्व में प्रदेश के मंत्रिमंडल ने दिनभर का धरना दिया और उसमें भाजपा के अलावा अन्य सभी पार्टियां शामिल थीं।
वह धरना नोटों के बदलने की प्रक्रिया से प्रदेश के सहकारी बैंकिंग सेक्टर को बाहर रखने के खिलाफ थी। उसे भाजपा को छोड़कर अन्य सारी राजनैतिक पार्टियों का समर्थन हासिल था।
मुख्यमंत्री ने धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार केरल के सहकारी आंदोलन को समाप्त करने की साजिश कर रही है। उपस्थित सभी लोग उनके इस आरोप से सहमत दिखाई पड़ रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी ने उस विरोध प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि काला धन के सारे समर्थक एक साथ खड़ै हो गए हैं। जब इस तरह की बात भाजपा के नेता कह रहे थे, तो उन्हें प्रदेश की जनभावना का पता नहीं था। दूसरे शब्दों में कहा जाय, तो वे लोगों का मूड भांपने में विफल हो गए थे।
भारतीय जनता पार्टी के नेता के राजशेखरन ने तो यहां तक कह डाला कि केरल के लोगों की वर्तमान खराब दशा के लिए उनका भोग विलास वाला जीवन जिम्मेदार है। प्रदेश की जनता के लिए इस तरह की बात करना बहुत ही अपमानजनक था और इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि सहकारी बैंकिंग सेक्टर काले धन का गोदाम हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के इस दावे की जितनी निंदा की जाय कम है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और गरीबों के लिए धन का एकमात्र स्रोत है।
भाजपा सहकारी बैंकिंग सेक्टर के इसलिए खिलाफ है कि इस सेक्टर पर सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ का नियंत्रण है। इसलिए वह कोशिश कर रही है कि इस सेक्टर को ही बर्बाद कर दिया जाय। लेकिन इसके कारण भाजपा को उलटा नुकसान हो रहा है। (संवाद)
विमुद्रीकरण से केरल में गुस्से की लहर
भाजपा की हालत हो रही है पतली
पी श्रीकुमारन - 2016-11-21 11:17
तिरुअनंतपुरमः केन्द्र सरकार द्वारा 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के निर्णय के बाद केरल में दो धुर प्रतिद्वंद्वी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट एक सुर से बोलने लगे हैं।