प्रियंका गांधी प्रदेश के उन विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार करेंगी, जहां के उम्मीदवार मजबूत समझे जाएंगे। वे क्षेत्र कौन होंगे इसका निर्णय नेता लोग बाद मे करेंगे।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने घोषणा की कि प्रियंका गांधी ने पूरे उत्तर प्रदेश में प्रचार करने को लेकर अपनी सहमति दे दी है।
उत्तर प्रदेश का यह चुनाव पार्टी के लिए बहुत ही निर्णायक है। पिछले कई महीने के कांग्रेस के नेता और कार्यकत्र्ता मांग कर रहे थे कि प्रियंका गांधी को अमेठी और रायबरेली से बाहर आकर भी पार्टी के लिए प्रचार करना चाहिए। वे तो यह भी चाहते हैं कि प्रियंका पार्टी में भी अपनी भूमिका निभाएं।
कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत भूषण ने भी संकेत दिया था कि प्रियंका चुनाव अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
यही नहीं, पार्टी के कार्यकत्र्ता तो यह भी चाहते थे कि प्रियंका गांधी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाय। प्रशांत किशोर ने भी इसकी सलाह दी थी। लेकिन यह सलाह नहीं मानी गई और अंत में 78 साल की शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप मंे पेश कर दिया गया। गौरतलब है कि शीला दीक्षित मूलतः पंजाब से हैं। उनकी शादी उत्तर प्रदेश के एक परिवार मे हुई है और वे 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
प्रियंका द्वारा कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुराने कांग्रेसी बताते हैं कि प्रियंका गांधी ने अपने एक भाषण से रायबरेली की फिजा बदल दी थी। उस समय रायबरेली से कांग्रेस के उम्मीदवार सतीश शर्मा थे। अरुण नेहरू उस समय भाजपा के उम्मीदवार थे। अरुण नेहरू के सामने श्री शर्मा बहुत हल्का पड़ रहे थे, लेकिन प्रियंका गांधी के भाषण के बाद माहौल बदल गया। श्री शर्मा चुनाव जीत गए और अरुण नेहरू तीसरे नंबर पर चले गए।
प्रियंका गांधी एक योद्धा हैं। यह उस समय देखने को मिला था, जब प्रदेश में मायावती की सरकार थी। अगड़ी जाति के लोगों ने एक हरिजन परिवार का घर तोड़ दिया था, लेकिन मायावती कुछ कार्रवाई नहीं कर रही थी। यह मामला सुल्तानपुर जिले का था। तब प्रियंका ने घोषणा की कि कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं के साथ वे उस घर को बनाएंगी। तब मायापती की निंद टूटी और उन्होंने कार्रवाई की।
कांग्रेस के नेताओं को लगता है कि प्रियंका गांधी के आक्रामक प्रचार का पार्टी को बहुत फायदा होगा और प्रतिद्वंद्वियों को पराजित करने मे ंसहायता मिलेगी।
कांग्रेस जनों को लगता है कि राहुल गांधी के प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं। उनकी किसान यात्रा और खाट सभा के बाद भी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं में उत्साह नहीं है। पार्टी का सबसे बड़ा अभियान वह था, जिसमें सोनिया गांधी शामिल थीं, लेकिन अभियान के बीच ही उनकी तबियत खराब हो गई और उसके बाद कांग्रेस का अभियान जोर नहीं पकड़ पाया।
आने वाले समय में भी सोनिया गांधी की सक्रियता की संभावना बहुत कम है। वैसी हालत में सिर्फ राहुल गांधी के भरोसे कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकती। यही कारण है कि प्रियंका का चुनाव प्रचार जरूरी हो गया था। (संवाद)
प्रियंका गांधी करेंगी कांग्रेस का प्रचार
उत्तर प्रदेश के कांग्रेसियों के हौसले बुलंद
प्रदीप कपूर - 2016-11-24 10:20
लखनऊः अमेठी और रायबरेली से बाहर भी उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करने के लिए प्रियंका गांधी द्वारा हामी भरे जाने के बाद प्रदेश के कांग्रेस जनों में नया जोश पैदा हो रहा है।