इस समूह के बारे में तहकीकात अभी समाप्त भी नहीं हुआ था कि प्रदेश में एक और हादसा हो गया। भोपाल उज्जैन पैसेंजर ट्रेन की एक बोगी में विस्फोट हो गया और उसमें 10 लोग घायल हो गए। अभी यह तय हो पाना अभी बाकी है कि इसमें आईएस का ही हाथ था, लेकिन इस घटना से यह संदेश जा रहा है कि आतंकवादी समूह मध्य प्रदेश को अपना सुरक्षित पनाहगाह मान रहे हैं, जहां रहकर वे अपनी गतिविधियों को चलाते रह सकते हैं
उस पैसंेजर ट्रेन का विस्फोट प्रदेश पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसे प्रदेश में आतंक का पहला हमला बताया जा रहा है। इसे सीमी के कुछ आतंकवादियों द्वारा जेल से भाग जाने की घटना से जोड़ा जा रहा है। हालांकि वे आतंकवादी बाद में मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
पुलिस के अनुसार इस मामले की जांच सभी बिन्दुओं से की जा रही है। एक संभावना इसमंे सीमी की संलिप्तता की भी है। प्रदेश के गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ठाकुर का कहना है कि उज्जैन सीमी आतंकवादियों का अड्डा बन गया है और इस विस्फोट में उसकी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता।
पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ में जेल से भागे आतंकवादियों के मारे जाने का बदला लेने की कोशिश में सीमी जरूर होंगे। पुलिस को सूचना मिल रही है कि सफदर नागौरी और 11 अन्य के इन्दौर की एक अदालत से सजा मिलने के बाद सीमी हमले कर सकते हैं।
एटीएस यह पता करने की कोशिश कर रहा है कि जिस आईईडी का इस्तेमाल उस विस्फोट में हुआ, उसे कहां से प्राप्त किया गया था। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए क्या विस्फोटकों के जखीरे तैयार किए गए हैं। पुलिस संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। कुछ लोगों को होशंगाबाद जिले के पिपरिया से गिरफ्तार किया जा चुका है। प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी पुलिस छापामारी कर रही है। पुलिस ने अपने मुखबिरों का जाल भी बिछा दिया है।
मध्यप्रदेश का शांति का टापू माना जाता रहा है। पर अब यह आतंकवादी संगठनों का पनाहगाह बनता जा रहा है। जेल से वे आतंकवादी कैसे भागे थे, इसके बारे में अभी भी जांच जारी है। उन्हें किसने सहायता की थी, इसका पता भी अबतक नहीं लगा है।
दो अन्य घटनाओं से यह पता चलता है कि मध्यप्रदेश अतिवादियों के लिए पसंदीदा जगह बन गया है। एक घटना तो 2007 में हुए अजमेर ब्लास्ट के लिए देवेन्द्र गुप्त, भवेश पटेल और सुनील जोशी को सजा दिया जाना है। जिन लोगों को सजा दी गई, उनमें से एक सुनील जोशी मध्यप्रदेश का है। उसकी हत्या बहुत ही रहस्यमय तरीके से कर दी गई थी। यह दावा किया गया था कि अजमेर विस्फोट बौर समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट की साजिश मध्यप्रदेश में ही रची गई थी।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय इन्दौर की अदालत ने सुनाया। उसमें सीमी के 11 आतंकवादियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उसमें सफदर नागौरी और उसके भाई को भी सजा दी गई। दोनों भाई उज्जैन के निवासी हैं।
जाहिर है, मध्यप्रदेश में हिन्दू और मुस्लिम दोनों दोनों तरह के उग्रवादी पल रहे हैं। (संवाद)
मध्यप्रदेश आतंकवादियों का अड्डा बना
सीमी कार्यकर्ताओं ने अपनी गतिविधियां बढ़ाईं
एल एस हरदेनिया - 2017-03-10 11:14
आतंकवादी गतिविधियों के एक महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में मध्यप्रदेश उभर रहा है। पिछले महीने के मध्य में पता चला कि प्रदेश के 9 लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त सूचनाएं प्रदान कर रहे थे। सबसे सनसनीखेज बात यह थी कि उस समूह के कुछ लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ बहुत नजदीकी से जुड़े हुए थे। यह समूह आईएसआई से भारी धन प्राप्त कर रहा था।