विजयन सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा नाराजगी गृह और निगरानी विभागों के कामकाज को लेकर दिखी। जिन सदस्यों ने बैठक के दौरान बहस में हिस्सा में हिस्सा लिया, उनका मानना था कि कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है।
गृह विभाग के अपने खुद के आकलन में इस तथ्य को स्वीकार किया गया है, लेकिन विभाग ने इसके लिए पुलिस को जिम्मेदार बताया है। विभाग का मानना है कि पिछले 5 सालों में पुलिस में वर्दीधारी अपराधियों की संख्या 50 फीसदी बढ़ गई है।
अपराधी पृष्ठभूमि के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसाओं की अनदेखी कर दी गई है। सिफारिश की गई थी कि उन लोगों को सेवा से बाहर किया जाय, लेकिन इस सिफारिश पर कोई काम नहीं किया गया है। ऐसे 936 पुलिस अधिकारियों का पता चला है, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं।
इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पुलिस विभाग की जमकर बैठक के दौरान आलोचना की गई। लेकिन वह विभाग खुद मुख्यमंत्री के पास है, इसलिए आलोचना के केन्द्र में खुद मुख्यमंत्री पी विजयन भी थे, हालांकि किसी ने उनका नाम नहीं लिया। पर सब इस बात पर एकमत थे कि विभाग को दुरुस्त करने के लिए सभी प्रकार के उपाय किए जाने चाहिए।
आलोचना का तेवर इनता आक्रामक था कि खुद सीपीएम महासचिव सीताराम यचुरी को कहना पड़ा कि विभाग में सुधार की जरूरत है और हमने चुनाव के पहले जो वायदे किए थे, उनको पूरा किया जाना चाहिए।
खबर तो यह भी है कि सीताराम यचुरी ने कहा कि सरकार के काम करने के तरीकों में बदलाव होना चाहिए। इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री के काम करने की शैली से पार्टी महासचिव भी खुश नहीं हैं।
समीक्षा बैठक से जो कुछ निकल कर बाहर आ रहा है, उससे तो यही पता चलता है कि सरकार के कामकाज में पार्टी की संलिप्तता को बढ़ाने का दबाव मुख्यमंत्री विजयन पर पड़ रहा है।
सीपीएम महासिव ने कहा कि पार्टी सरकार के कामकाज की समीक्षा कर रही है। यह इसलिए जरूरी है ताकि हम सरकार से हो रही चूक का पता लगा सकें और सुधार कर सकें। उन्होंने कहा कि यह एक स्वस्थ प्रकिया है, जो अन्य पार्टियों द्वारा भी अपनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा की जा रही चूक को सुधारा जा रहा है, लेकिन हमें अन्य कारणों पर भी ध्यान रखना होगा। उन्होंने स्थिति सुधारने में आ रही एक बाधा के रूप में केन्द्र सरकार द्वारा दिखाए जा रहे शत्रुतापूर्ण रवैये को भी जिम्मेदार बताया।
कानून और व्यवस्था के मोर्चे पर हो रही विफलता पर चर्चा करते हुए पार्टी प्रतिनिधियों ने कहा कि गृह और निगरानी विभागों के प्रमुखों को बदल दिया जाना चाहिए। जैकब थामस गिरानी विभाग के प्रमुख हैं और वे कुछ ज्यादा ही उत्साह दिखाया करते हैं, जिनके कारण विभाग अपना उद्देश्य हासिल नहीं कर पाता।
अभी तक सरकार थामस को उनके पद से हटाने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री उन्हें एक ईमानदार अफसर कहते हुए उन्हें हटाए जाने को तैयार नहीं दिखते। उनका कहना है कि थामस भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सक्रिय हैं और उसके कारण उन्हे हटाने के लिए अनेक लोग उनपर दबाव बना रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि जांच मे थामस के खिलाफ कुछ पाया जाता है, तो सरकार उनका बचाव नहीं करेगी। (संवाद)
भारतः केरल
विजयन सरकार की सफलता को लेकर उठे सवाल
गृह व निगरानी विभाग का कामकाज सबसे खराब
पी श्रीकुमारन - 2017-03-27 12:39
तिरुअनंतपुरमः पी विजयन के नेतृत्व वाली 10 महीने पुरानी एलडीएफ सरकार का कामकाज बहुत ही निराशाजनक रहा है। यह विपक्षी पार्टियों की कल्पना की उपज नहीं है, बल्कि सीपीएम के राज्य सचिवालय की दो दिनों की बैठक में निकला निष्कर्ष है।