इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री महोदस ने कहा कि युद्ध का इतिहास उतना ही पुराना है जितना कि मानव का इतिहास। मानव केवल युद्ध के लिए इस लिए तैयार नहीें होता कि उसे किसी पर जीत हासिल करनी है, परंतु उसे अपनी सुरक्षा और हितों के लिए भी युद्ध करने के लिए तैयार रहना पड़ता है। देश की आवश्यकता इससे अलग नहीं बल्कि काफी जटिल है।

खरीद प्रक्रिया में सुधार अभी भी जारी है। रक्षा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया का विकास लम्बे समय में हुआ है। रक्षा खरीद में प्राप्त अनुभव के आधार पर रक्षा खरीद डीपीपी-2006 को जुलाई, 2006 में जारी किया गया था। इसका संशोधित अंक सितम्बर, 2008 में जारी किया गया तथा भावी चुनौतियों का सामना करने तथा सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए इसमें नवम्बर में संशोधन किया गया। उन्होंने बताया कि दिसम्बर, 2009 से भारत ने खरीदो एवं देश में बनाओ नाम की एक नई श्रेणी बनाई है। निजी उद्योगों को उनके दृष्टिकोण जानने के लिए एससीएपीसीसी बैठकों में आमंत्रित किया जा रहा है।