मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महबूबा-मोदी के बीच चुनाव के दौरान हिंसा और कम मतदान के अलावा गठबंधन, सिंधु जल समझौते के कारण राज्य को नुकसान पर भी बातचीत हुई। राज्य में हालत पर काबू पाने के लिए एक माहौल पैदा करना होगा। पत्थरबाजों को गोलियों से जवाब देने से कोई हल नहीं निकलेगा।
वहीं बीजेपी और पीडीपी के मदभेदों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसे बातचीत से ही सुलझाया जाएगा। उन्होंने कहा कि घाटी में राज्यपाल शासन का फैसला केंद्र सरकार ही लेगी। इसके अलावा कश्मीर में कानून-व्यवस्था को लेकर महबूबा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। मोदी और महबूबा की मुलाकात एसे वक्त पर हो रही है, जब हाल ही में संपन्न हुए उपचुनावों में काफी हिंसा देखी गई थी। यहां वोटिंग पर्सेंटेज भी कम रहा था। श्रीनगर सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने जीत हासिल की थी। यह सीट पीडीपी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में जीती थी।
बैठक के बाद मुफ्ती ने बताया, प्रधानमंत्री ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने बार-बार कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पदचिन्हों पर चलेंगे, जिनकी नीतियां टकराव की नहीं बल्कि सामंजस्य की हैं। इससे पहले, पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुझाव दिया था कि दूसरे राज्यों को जम्मू-कश्मीर में कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। साथ ही दूसरे राज्यों को घाटी के युवाओं को अपने यहां शिक्षा के लिए आने का न्योता देना चाहिए। नीति आयोग की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर की सीएम के उस सुझाव पर हामी भरी, जिसमें सभी राज्यों से जम्मू-कश्मीर के छात्रों में दिलचस्पी लेने की बात कही गई थी। हाल ही में यूपी और राजस्थान में कश्मीरी स्टूडेंट्स के साथ मारपीट करने के मामले सामने आए थे। माना जा रहा था कि कश्मीर में सुरक्षाबलों पर होने वाले पथराव की प्रतिक्रिया में इन घटनाओं को अंजाम दिया गया।
भारत
कश्मीर हिंसा: मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात
महबूबा बोलीं वाजपेयी की 'कश्मीर नीति' से निकलेगा हल
प्रदीप शर्मा - 2017-04-24 08:30
जम्मू- कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। राज्य में बढ़ती हिंसा की आंच बीजेपी-पीडीपी गठबंधन तक पहुंच गई है, जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लगाने की बातें भी सामने आ रही थीं।