1 मई को मजदूर दिवस के रूप में देश भर में मनाया जाता है। इस दिवस पर लाल रंग की महत्ता भी सर्वोपरि मानी गई है। इसी दिवस से देश भर में वी आई पी संस्कृृति से जुड़ी लाल बत्ती वाली संचालित गाड़ियों से लाल बत्ती गुल कर आमजन बनने एवं उसकी अस्मिता को सही माने में पहचानने का सुअवसर देश को पहली बार मिला है। इस प्रकिया से सही मायने में लाल बत्ती को लाल सलाम का स्वरूप उजागर हो सकेगा जिसे आज तक लाल सलाम कहने वाले भी इस परिवेश को उजागर नहीं कर सके । लाल सलाम कहने वाले भी मौका हाथ लगने पर वी आई पी संस्कृृति से जुड़ी लाल बत्ती वाली गाड़ी से उतरने का मानस नहीं बना सके, जिससे सही मायने में वे आमजन के मसीहा होने के बावजूद भी वे आमजन से नहीं जुड़ पाये।
लाल बŸाी के प्ररम्भिक इतिहास पर नजर डाले तो यह प्रक्रिया वास्तविक रूप से प्रारम्भ से ही राजशाही प्रवृृत्ति की द्योतक रही है, जब इसे विशिष्ट दर्जा देकर भारतीय लोकतंत्र में स्थापित किया गया था। इस व्यवस्था से देश में अफसरशाही से लेकर जनप्रतिनिधि सभी जुड़ चले। इस गाड़ी में बैठते ही जनप्रतिनिधि अपने वास्तविक स्वरूप को भूल बैठे। इनमें भी अफसरी बू आने लगी। भारतीय लोकतंत्र में लाल बत्ती वाली गाड़ी में बैठते ही जनप्रतिनिधि जन सेवक न रहकर अपने आपको राजा समझने लगे। जनतंत्र के मालिक बन गये। इस बदले स्वरूप में राष्ट्रहित एवं जनहित दोनों तरह की भावना का पतन हुआ तथा स्वहित की भावना सर्वोपरि हो चली, जिसने हर दिशा में मक्कारी, छल, झूठ, फरेब, अनाचार, व्यभिचार का ही साम्राज्य स्थापित किया। विकास के नाम पर विनाश की नींव पड़ गई। लाल बत्ती वाली गाड़ी में बैठते ही जनता के प्रतिनिधि जनता से ही दूरी बनाकर चलने लगे। उनके चाल-ढ़ाल, बोलचाल में राजाशाही समायी नजर आने लगी। उसके कारण लोकतंत्र की परिकल्पना का वास्तविक स्वरूप स्वतः ही आजतक धूमिल रहा। इनके साथ - साथ जनप्रतिनिधियों के संगे सम्बंधी भी इस परिवेश का लाभ पूर्ण रूप से लेने ही नहीं लगे, बल्कि अपना रूतबा कायम कर अवैध गोरखधंधे का सम्राज्य भी स्थापित कर लिया। लाल बत्ती वाली गाड़ी के रोक टोक नहीं होने से अवैध व्यापार भी खुलकर होने लगा। देश में आतंकवाद का साम्राज्य भी स्थपित हो चला। इस तरह के कारनामें उजागर होने के बाद इस तरह की व्यवस्था पर एक दिन अंकुश लगना ही था ।
इस परिवेश से लाल बत्ती को अलग करते ही वास्तविक रूप से देश में जनतंत्र का महौल उभरता नजर आयेगा, जिसकी तलहटी में एक नये युग के शुभारंभ की तस्वीर भी सामने नजर आने लगेगी, जहां भविष्य में जन प्रतिनिधि का वास्तविक स्वरूप आम जन में उभर सकेगा। इस प्रक्रिया से देश में अफसरशाही का रूतबा भी कम होगा एवं कार्यशैली बदली बदली सी नजर आयेगी, जहां सही मायने में लोकतंत्र का सही स्वरूप उजागर हो सकेगा। वर्तमान केन्द्र सरकार ने इस दिशा में सकरात्मक कदम उठाकर देश्हित एवं जनहित में सराहनीय कार्य किया है। 2 अक्टूबर, गांधी जयन्ती पर वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा सफाई अभियान का उठाया बीड़ा आज देशभर में सफाई आंदोलन का रूप ले चुका है जिसके परिदृृश्य हर जगह नजर आने लगे है। आज देश का हर जागरूक नागरिक इस बात को समझने लगा है। इस दिशा में आयी जागरूकता हर नजर आने लगी है। नोटबंदी से भी अवैध रूप से संचालित गतिविधियों पर विराम तो लगा ही , इसी तरह 1 मई मजदूर दिवस को वी आई पी संस्कृृति से जुड़ी लाल बत्ती वाली गाड़ी से लाल बत्ती गुल कर देश में नये लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में केन्द्र सरकार का सकरात्मक कदम माना जा सकता है। जिसके बेहतर परिणाम देशहित में भविष्य में देखने को मिल सकते है। इस तरह के सकरात्मक कदम देश में फिर से सही लोकतंत्र को स्थापित करने में मददगार साबित हो सकते है। निश्चित तौर पर देश के मजदूरों के लिये केन्द्र सरकार का यह अनुपम उपहार साबित हो सकता है जहां लाल बत्ती रहित गाड़ी इनके मौलिक अधिकार की रक्षा करते हुए राजशाही प्रवृृत्ति से मुक्ति दिला सकेगी। जहां लाल बत्ती रहित गाड़ी भविष्य में देश में उभर रहे अवैध धंधे को समाप्त कर जनप्रतिनिधियों को आमजन के करीब लाने में मददगार साबित हो सकती है साथ हीं देश में पनपी अफसरशाही एवं राजशाही व्यवस्था को जड़ से समाप्त करने में कामयाबी हासिल कर सकती है। (संवाद)
लाल बत्ती पर सरकार का निर्णय जनहित में सराहनीय कार्य
भरत मिश्र प्राची - 2017-05-01 13:43
देश में आत्मगौरव एवं सर्वोच्य प्रतिष्ठा का परिचायक बनी वी आई पी संस्कृृति से जुड़ी लाल बŸाी की गाड़ी से लाल बत्ती हटाये जाने का केन्द्र सरकार का देश हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे केन्द्र सरकार के प्रति आम जन में विश्वसनीयता बढ़ी है। केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले से पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरिन्दर सिंह एवं यू.पी. के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने लाल बत्ती की गाड़ी का त्याग कर सही मायने में सही जनप्रतिनिधि बनने का परिचय दिया है, जिसकी देश की आम जनता सच्चे मन से सराहना कर रही है। इस तरह के कदम से निश्चित तौर पर लाल बत्ती में बैठकर आमजन के बीच रूतबा जमाने वालों पर लगाम कसेगी एवं इसकी आड़ में पनप रहे अपराध को विराम लगेगा।