मलाला के संघर्ष की कहानी को समेटते हुए भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारियों ने एक कोलाॅज तैयार करवाया है और उस कोलाॅज की काॅपी को जिले के स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर चिपका दिया गया है।
जिला शिक्षाधिकारी की इस पहल ने छात्राओं के बीच रंग दिखाना शुरू कर दिया है। वे इसमें बहुत दिलचस्पी ले रही हैं। उनका सपना अब मलाला जैसी बनना रह गया है और वे भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना चाह रही हैं और लड़कियो की शिक्षा को विस्तार देना चाहती हैं।
मीडिया से बात करते हुए निकिता ढोकम ने कहा कि मलाला हमारा रोल माॅडल है। निकिता दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं। वह राजकीय नवीन उच्च्तर माध्यमिक विद्यालय की छात्र हैं। उसने मीडिया से कहा कि वह इस बात की परवाह नहीं करती कि मलाला पाकिस्तानी है और उसे इस बात की परवाह भी नहीं है कि मलाला से प्यार करने के कारण कुछ लोग यहां उससे नफरत करने लगे।
उसने कहा कि बस वह यह संदेश देना चाहती है कि मलाला का योगदान लड़कियों की शिक्षा बढ़ाने की दिशा में अनोखा है। उसने जोर देकर कहा कि हमारे शिक्षकों को चाहिए कि मलाला जैसे रोल माॅडल्स के बारे में हमें ज्यादा से ज्यादा बताएं।
स्कूलों में लड़कियों को अब मलाला के बारे में जानकारी हो गई है। उनसे बात करने पर वह बताती है कि मलाला ले लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चरमपंथियों की गोलियां तक खाईं और गोलियां खाने के बाद भी उसने अपना अभियान जारी रखा।
एक अन्य छात्रा आरती कुशवाहा ने कहा कि मलाला का साहस उनको प्रेरणा देता रहेगा। उसने भी मलाला को अपना रोल माॅडल बताया, क्योंकि उसने अन्याय के खिलाफ न केवल लड़ने का संकल्प लिया, बल्कि उसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ी।
एक अन्य छात्रा आरती पटेल ने कहा कि वह भी मलाला युसूफजई जैसी ही बनना चाहती हैं। वह कहती है कि मलाला ने उसे सिखाया है कि विपरीत परिस्थितियों में रहकर भी अपने हक के लिए कैसे लड़ा जा सकता है और सफलता भी हासिल की जा सकती है।
उसी स्कूल की प्राचार्या अर्चना शर्मा भी बहुत उत्साहित दिखीं। वह इस बात को लेकर बहुत खुश हैं कि उच्च अधिकारियों ने मलाला के बारे में पढ़ाने के लिए आदेश दिया है।
भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेन्द्र कुमार शर्मा कहते हैं जिस लड़की ने आतंकवाद का सामना किया और उसके सामने नहीं झुका वह हमारे देश की लड़कियों के लिए आदर्श हो सकती हैं।
वे जोर देकर कहते हैं कि जब हम मलाला के बारे में बात करते हैं, तो भारत और पाकिस्तान के बीच जो तनाव है, उसको दरकिनार करना ही बेहतर समझते हैं, क्योंकि मलाला ने जो कुछ किया है उसे किसी देश की सीमा में बांधकर नहीं रखा जा सकता। (संवाद)
नोबेल विजेता मलाला ने भोपाल की लड़कियों को प्रेरणा दी
जिला अधिकारी की पहल ने रंग दिखाया
एल एस हरदेनिया - 2017-07-28 10:56
भोपालः पाकिस्तान की मलाला युसूफजई भोपाल की लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। गौरतलब हो कि मलाला को तालिबान चरमपंथियों ने गोली मार दी थी, क्योंकि वह पढ़ने के लिए स्कूल जाया करती थी। किसी तरह मलाला इलाज के द्वारा बच गई, लेकिन उसके बाद भी उसने स्कूल जाना जारी रखा। उसके साहस से प्रभावित होकर उसे शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया।