बैठक का उद्घाटन करते हुए सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यम सचिव श्री दिनेश राय ने कहा कि सफल होने के लिए भारतीय एमएसएमई को अंतर्राष्ट्रीय मानकों को अपनाने की जरूरत है ताकि लागत दक्षता, बाजार पर शीघ्र पकड़, डिजाइन और नवीन दक्षता में मजबूती और विश्व स्तरीय उत्पादों एवं प्रक्रिया के निर्माण की उत्कृष्ट योग्यता को प्राप्त किया जा सके।
आज के प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में इस योजना के महत्त्व पर दृष्टि डालते हुए उन्होंने कहा कि डिजाइन क्लीनिक योजना का उद्देश्य डिजाइन और नवप्रवर्तन पर औद्योगिक समझबूझ को बढा़वा देना है।
इस योजना को दो मुख्य भागों में बांटा गया है जैसे डिजाइन जागरूकता और डिजाइन परियोजना कार्य। योजना का कुल बजट 73.58 करोड़ रुपए होगा जिसमें से 49.08 करोड़ सरकारी सहायता और शेष राशि को एमएसएमई लाभग्राह्रताओं द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के तहत करीब 200 समूहों को शामिल किया जाएगा। यह फैसला किया गया है कि इस योजना को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।
एमएसएमई क्षेत्र में डिजाइन दक्षता के लिए डिजाइन क्लीनिक योजना का शुभारंभ
विशेष संवाददाता - 2010-02-17 20:07
नई दिल्ली: राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता कार्यक्रम के एक घटक के रूप में डिजाइन दक्षता के लिए डिजाइन क्लीनिक योजना पर प्रथम बैठक का आज आयोजन किया गया। यह देश के सूक्ष्म, लघु और मझौले दर्जे के विशाल उद्यमों के लिए यह एक शानदार और महत्त्वाकांक्षी डिजाइन मध्यस्था योजना है, जो डिजाइन जागरूकता कार्यक्रमों और डिजाइन सहायता आधारित परियोजना को जोड़ती है।