सबसे महत्वपूर्ण समझौता भारतीय नौसेना के लिए 29 मिग 29 अतिरिक्त जेट विमानों की भारत द्वारा खरीद से संबंधित होगा। यह सौदा करीब 55 अरब रुपये का होगा। पांचवी पीढ़ी के फाइटर विमानों के संयुक्त विकास के लिए भी वाणिज्यिक समझौता होगा। भारत और रूस के बीच संबंधों को उलझाने वाले मामले को सुलझाने के लिए उच्च स्तर पर बातचीत चल रही है और उम्मीद है कि रूसी प्रधानमंत्री के भारत आने के पहले ही उन मसलों पर दोनों देशों के बीच सहमति हो जाएगी। रूस में बने विमान एडमिरल गौर्सकोव पर भी सहमति हो जाने की उम्मीद है।
असैनिक परमाणु क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण समझौते के आसार हैं। रूस के सहयोग से भारत 4 परमाणु संयत्र स्थापित करने वाला है। दो संयत्र तों तमिलनाडू में लगाए जाने हैं। दो पूर्वी भारत में लगाए जाने हैं। जिन दो संय़त्रों को पूर्वी भारत में लगाए जाने हैं, उसमें एक तो पश्चिम बंगाल में होगा। दूसरे के बारे में अभी अंतिम तौर पर निर्णय नहीे किया गया है। पश्चिम बंगाल के हरिपुर में संयत्र स्था पित करने का प्रस्ताव था, लेकिन वह प्रस्ताव खटाई में पड़ता दिखाई पड़ रहा है, क्योंकि ममता बनर्जी हरिपुर में जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रही है।
जहां तक दोनों देशों के व्यापार का संबध है, तो इसमें संतोषजनक वृद्धि नहीं हो पा रही है। दोनों देश एक दूसरे के साथ व्यापार बढ़ाने के इच्छुक हैं और उन क्षेत्रों की खोज कर रहे हैं, जिनमें दोनों देशों के व्यापार को बढ़ाया जा सके। भारत रूस से कच्चा हीरा आयात करना चाहता है। वह दुनिया में हीरे की तराशी करने वाला सबसे बड़ा देश है और रूस इसके बड़े उत्पादक देशों में एक है। हालांकि भारत पहले से ही रूस से कच्चे हीरे का आयात कर रहा है, लेकिन आयात की मात्रा बहुत कम है। भारत चाहता है कि रूस भारत के लिए ज्यादा से ज्यादा कच्चा हीरा निर्यात करने पर राजी हा जाए।
भारत और रूस के बीच व्यापार की क्या हालत है इसका पता इसी से लगाया जा सकता है कि चालू वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीने में भारत द्वारा रूस को किए जाने वाले निर्यात में 39 फीसदी की गिरावट आई, जबकि भारत में रूसी माल के किए जा रहे आयात में 24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। (संवाद)
पुतिन की भारत यात्रा: सुरक्षा के बड़े समझौतों पर होंगे दस्तखत
विशेष संवाददाता - 2010-02-18 12:00
नई दिल्लीः रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमिर पुतिन की 12 और 12 मार्च को भारत की यात्रा हो रही है। राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की यह उनकी पहली यात्रा है। इसके दौरान रक्षा उद्योग से जुड़े कम से कम 3 समझौतों पर भारत के साथ वे हस्ताक्षर करेगे। जाहिर है उनकी यह यात्रा भारत रूस संबंधों के लिउ काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।