उर्वरक क्षेत्र में पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी के बारे में सरकार की मंशा वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2009-10 के बजट भाषण में घोषित की गई थी। आशा है कि एनबीएस व्यवस्था से संतुलित उर्वरक उपयोग को बढा़वा मिलेगा और परिणामस्वरूप कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।
यह भी निर्णय लिया गया है कि उर्वरक सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर्मंत्रालयीय समिति गठित की जाएगी जो विविध स्थितियों की जांच करेगी और प्रस्तावित नीति के अधीन प्रति पोषक तत्त्व सब्सिडी के परिमाण के बारे में सरकार को अपनी सिफारिशें देगी।
पहले चरण के दौरान उद्योग के जरिए सब्सिडी का वितरण जारी रहेगा। पहले की तरह राज्य सरकारों उद्योग कम्पनियों के वैधानिक लेखा परीक्षकों द्वारा बिक्री के प्रमाणीकरण पर आधारित सब्सिडी प्राप्त होगी। उर्वरक वितरण पर उर्वरक निगरानी प्रणाली पर आधारित ऑनलाइन वेब के जरिए निगाह रखना जारी रहेगा।
उर्वरक क्षेत्र के लिए नई सबसिडी नीति एक अप्रैल से, सरकार का आश्वसन 'कीमतें वर्तमान के निकट' रहेंगी
विशेष संवाददाता - 2010-02-18 18:09 UTC
नई दिल्ली: मंत्रिमंडल ने विनियंत्रित फास्फेटिक और पोटेसिक उर्वरकों पर पोषक तत्त्व आधारित राज सहायता (एनबीएस) नीति को पहली अप्रैल 2010 से कार्यान्वित करने को आज स्वीकृति प्रदान कर दी। वर्ष 2010-11 के लिए पोषक यथा नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर की मात्रा के अनुसार सब्सिडी तय करने का निर्णय लिया गया है। उपरोक्त पोषकों पर तयशुदा सब्सिडी के अलावा अन्य अनुपूरक पोषक तत्त्वों और सूक्ष्म पोषक तत्त्व वाले रियायती उर्वरकों के लिए अतिरिक्त प्रति टन सब्सिडी भी दी जाएगी।